वाराणसी
शंकराचार्य के काशी आगमन पर भक्तों ने किया भव्य स्वागत
वाराणसी। शीतकालीन चारधाम यात्रा पूरी कर नियत कार्यक्रम से एक दिन पूर्व काशी आगमन पर परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का संतों और भक्तों ने भव्य स्वागत किया। श्रीविद्यामठ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच डॉ. हरिप्रकाश पांडेय और उनकी पत्नी सावित्री पांडेय ने शंकराचार्य की चरणपादुका का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर शंकराचार्य महाराज ने कहा, “अनंत जन्मों के पुण्य कर्मों के फलस्वरूप जीव को काशीवास का सौभाग्य मिलता है। इसलिए काशीवासियों को धर्म का दृढ़तापूर्वक पालन करना चाहिए ताकि वे मोक्ष के अधिकारी बन सकें।”
शंकराचार्य महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि महाराज जी वायुमार्ग से बाबतपुर पहुंचे, जहां भक्तों ने रवि त्रिवेदी, यतीन्द्र चतुर्वेदी और कीर्ति हजारी शुक्ला के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया। इसके बाद महाराज जी कचहरी पहुंचे, जहां पंडित मदनमोहन मालवीय जी की जयंती के हिंदी तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।
कचहरी में अधिवक्ताओं ने माल्यार्पण और जयघोष के साथ उनका अभिनंदन किया। वहां से शंकराचार्य महाराज राजघाट पहुंचे और गंगा जलमार्ग से केदारघाट के निकट स्थित श्रीविद्यामठ पहुंचे। महाराज जी 24 और 25 दिसंबर को श्रीविद्यामठ में प्रवास करेंगे।
इस आयोजन में प्रमुख रूप से साध्वी पूर्णाम्बा दीदी, साध्वी शारदाम्बा दीदी, संजय पांडेय (मीडिया प्रभारी), ब्रह्मचारी परमात्मानंद, पं. त्रिलोचन शर्मा, बसंत राय भट्ट, डॉ. साकेत शुक्ला, डॉ. विकास तिवारी, अमित पांडेय, पं. सदानंद तिवारी, अर्थशास्त्री मिथिलेश झा, अभय शंकर तिवारी, किशन जायसवाल, आशीष गुप्ता, दीपेंद्र सिंह, पं. अमित दीक्षित, अजय सिंह, सुभाष सिंह, लता पांडेय, शारदा अम्मा, ममता मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
