वाराणसी
वीडीए का बड़ा फैसला, रक्षा सम्पदा की 160 एकड़ भूमि पर पास होगा नक्शा

वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने रक्षा सम्पदा के अंतर्गत आने वाली 160 एकड़ भूमि पर नियोजित विकास के लिए बड़ा निर्णय लिया है। यह भूमि कैंटोनमेंट और लक्षिपुरा क्षेत्र में स्थित है, जिसे नगर निगम के अधीन प्रबंधित किया जा रहा है। 1894 में नगर निगम को हस्तांतरित की गई इस भूमि के प्रबंधन से जुड़े विवादों का समाधान करने के लिए आयुक्त, वाराणसी मंडल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई।
इस बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि यह भूमि “इंट्रा म्युनिसिपल नजूल” श्रेणी में आती है, और इसके प्रबंधन पर नगर निगम अधिनियम, 1959 और उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 के प्रावधान लागू होते हैं। इसके साथ ही, भूमि के प्रबंधन और अतिक्रमण संबंधी विवादों का निस्तारण संबंधित अधिनियमों के तहत किया जाएगा।
नक्शा स्वीकृति के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) अनिवार्य
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री पुलकित गर्ग ने आदेश जारी किया है कि इस भूमि पर किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण, अतिक्रमण या मानचित्र स्वीकृतियों पर नगर निगम अधिनियम और नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। इसके लिए भू-स्वामी को रक्षा मंत्रालय और नगर निगम से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
अनुपालन के लिए सख्त निर्देश
आयुक्त वाराणसी मंडल की अध्यक्षता में हुई बैठक के निर्णयों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण और नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं। इसमें अवैध निर्माण हटाने और प्रबंधन संबंधी कदम उठाने की पूरी स्वायत्तता दी गई है।
बैठक में किए गए निर्णय
1. 1894 में भूमि के हस्तांतरण की शर्तों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम क्षेत्राधिकार में इसे “इंट्रा म्युनिसिपल नजूल” के रूप में मान्यता दी गई।
2. यह भूमि नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में है और इसे नगर निगम अधिनियम, 1959 तथा उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 के तहत ही प्रबंधित किया जाएगा।
3. अवैध निर्माणों को हटाने और नियंत्रित करने का अधिकार नगर निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण को प्राप्त है।
समिति ने इन निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश जारी किए हैं, ताकि 160 एकड़ भूमि के प्रबंधन और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।