Connect with us

वाराणसी

वीडीए अब कम करेगा ‘एचएफएल’ का दायरा, इन क्षेत्रों को मिलेगा फायदा

Published

on

वाराणसी। वीडीए की ओर से हाई फ्लड लेवल (एचएफएल) का दायरा कम करने की तैयारी है। इससे गंगा और वरुणा किनारे निर्माण कार्य की अड़चनें दूर होंगी। 702 मौजा में तकरीबन ढाई हजार एकड़ जमीन इस दायरे में है। इन इलाकों में नए निर्माण पर रोक है। केवल वीडीए की अनुमति लेकर लोग मरम्मत कराते हैं।

वर्ष 1978 में आई बाढ़ में गंगा पार के कटेसर, साहूपुरी समेत कई गांव और बनारस के रामनगर, गोदौलिया चौराहे से लेकर लक्सा थाने तक पानी पहुंच गया था। उस दौरान सूरत की एक एजेंसी ने रिपोर्ट दी थी। उसके आधार पर वीडीए ने उस इलाके को एचएफएल क्षेत्र घोषित कर दिया था।

इस क्षेत्र में निर्माण कार्य पर रोक है। इस नाते यहां पर कोई भी विकास कार्य कराने के लिए काफी दिक्कत होती है। रामनगर क्षेत्र में बाढ़ के पानी को रोकने के लिए विभिन्न पुलिया पर वीडीए ने सिंचाई विभाग की मदद से छह फ्लैपर गेट बनाए हैं। इसके लिए सिंचाई विभाग को 52 लाख रुपये दिए हैं।

कोटिल्य सोसाइटी की रिट पर हाईकोर्ट ने गंगा से सटे काफी गांवों व शहरी क्षेत्र के कई इलाकों को एचएफएल घोषित किया है, जिससे इन इलाकों में कुछ वर्षो से नक्शा नहीं पास होता है। वहीं जो जर्जर भवन हैं उसके मरम्मत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर वीडीए परमिशन देता है। लिए नियोजन विभाग से सड़कों के निर्माण के लिए सर्वे कराया जा रहा है।

इन इलाके के लोगों को मिलेगा फायदा :
एचएफएल दायरा कम होने से दशाश्वमेध, चौक, गोदौलिया, कोदई चौकी, जंगमबाड़ी, मदनपुरा, पांडेय हवेली, सोनारपुरा, शिवाला, भदैनी, असि, रवींद्रपुरी, रमापुरा, लक्सा, कमच्छा, रेवड़ी तालाब, गौरीगंज, भेलूपुर, गुरुधाम, साहूपुरी, कटेसर, रामनगर के आसपास के क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।

Advertisement

वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि, “सन 1978 में आई बाढ़ के बाद एचएफएल क्षेत्र चिह्नित किया गया है। पांच दशक में उन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति काफी बदल चुकी है। इन क्षेत्रों में अब गंगा का पानी नहीं आता है। कुछ इलाकों को एचएफएल से बाहर करने के लिए एनजीटी से पत्राचार किया गया है।”

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa