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वाराणसी

विश्व मलेरिया दिवस पर सीएमओ कार्यालय में हुई गोष्ठी

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सहभागिता से ही दूर होगी मलेरिया की बीमारी – सीएमओ

• स्वास्थ्य केन्द्रों व प्राथमिक विद्यालयों में भी हुये कई कार्यक्रम
• कहीं निकली जनजागरूक रैली तो कहीं हुआ जलस्रोत विनष्टीकरण

वाराणसी: जनपद में मंगलवार को विश्व मलेरिया दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर अधिकतर स्वास्थ्य केंद्रों व शैक्षणिक संस्थानों आदि पर विविध कार्यक्रम हुए। गोष्ठी, रैली, शिविर, परिचर्चा इत्यादि गतिविधियों के जरिए जनपदवासियों को मलेरिया के बारे में जागरूक किया गया।
इस क्रम में दुर्गाकुंड स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। सीएमओ ने कहा कि मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था जबकि अब 2-3 महीने छोड़ दीजिए तो पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर मलेरिया रोकने के लिए अब फॉगिंग का कार्य पूरे साल चलेगा। इसके साथ ही हमारी स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिन्हित कर वहाँ प्रभावी रोकथाक व नियंत्रण के लिए उचित कार्यवाई का रही हैं। उन्होंने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। सहभागिता से ही मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी, डिप्टी सीएमओ, एसीएमओ सहित नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया, जिला मलेरिया अधिकारी शरदचंद पाण्डेय, सहायक मलेरिया अधिकारी केके राय, बायोलोजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे।
इसके अलावा दुर्गाकुंड स्थित सनबीम स्कूल और प्राथमिक विद्यालय में मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया रोग के लक्षण, कारण, जांच, उपचार, बचाव आदि के बारे में बताया गया। दुर्गाकुंड शहरी पीएचसी एवं मदनपुरा पीएचसी पर जन जागरूकता रैली निकाली गई। पिंडरा पीएचसी के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय, सेवापुरी पीएचसी के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय सत्तनपुर, बनौउली, चिरईगांव सीएचसी के अंतर्गत उपकेंद्र पतेरवां प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को जागरूक किया गया। इसके साथ ही विभिन्न शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोत विनष्टिकरण का कार्य भी किया गया। इस दौरान वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षण अजय कुमार मिश्रा, जिला समन्वयक सुबोध दीक्षित, मलेरिया निरीक्षक ईशा श्रीवास्तव, चंद्रसेन भारती, ओमप्रकाश, वीरेंद्र कुमार, अजय शुक्ला, युद्धवीर सिंह, अनुराग मिश्रा, हितेश शर्मा व अन्य स्वास्थ्यकर्ता शामिल रहे।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।
क्या करें – मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।

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