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वाराणसी

वियतनाम में होगा बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी का आयोजन

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बुद्ध अवशेषों के साथ वियतनाम रवाना होंगे मंत्री किरेन रिजिजू और IBC प्रतिनिधिमंडल

वाराणसी। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) संयुक्त रूप से वेसाक 2025 के भव्य समारोह के अंतर्गत वियतनाम में पहली बार सारनाथ के पवित्र बुद्ध अवशेषों की ऐतिहासिक प्रदर्शनी का आयोजन कर रहे हैं। यह पहल भारत-वियतनाम के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करेगी।

30 अप्रैल को पवित्र अवशेषों को पूजा-अर्चना के साथ सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार से वाराणसी एयरपोर्ट होते हुए दिल्ली लाया जाएगा, जहां इन्हें राष्ट्रीय संग्रहालय में एक विशेष संरक्षित बाड़े में रखा जाएगा। यहां बौद्ध देशों के राजनयिकों और श्रद्धालु अनुयायियों द्वारा प्रार्थना और ध्यान का आयोजन किया जाएगा।

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1 मई को अवशेषों को वरिष्ठ भिक्षुओं की देखरेख में विशेष भारतीय वायुसेना विमान द्वारा वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी भेजा जाएगा। इस पवित्र यात्रा का नेतृत्व संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू करेंगे। साथ में IBC महासचिव आदरणीय शार्त्से खेंसुर रिनपोछे जंगचुप चोएडेन और गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी रहेंगे।

वियतनाम में अवशेषों की स्थापना और पूजा हान ताम मठ (2-8 मई), बा दीन पर्वत (9-13 मई), क्वान सू मठ (14-18 मई) और ताम चुक मठ (18-21 मई) में की जाएगी। ये स्थल वियतनाम के प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र हैं और संयुक्त राष्ट्र दिवस वेसाक के वैश्विक उत्सवों का हिस्सा बनेंगे।

यह आयोजन महायान बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक केंद्र नागार्जुनकोंडा से जुड़े अवशेषों की विरासत को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करता है। 1927-31 में एएच लॉन्गहर्स्ट द्वारा की गई खुदाई के दौरान इन अवशेषों की खोज हुई थी और 1932 में इन्हें महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया को सौंपा गया।

इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी के साथ IBC तीन प्रमुख प्रदर्शनियाँ भी आयोजित करेगा, जिसमें बुद्ध के जीवन और धम्म के प्रसार पर आधारित जातक कथाओं का इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शन, मूर्तिकला और भारत-वियतनाम की बौद्ध कलाकृतियों का तुलनात्मक अध्ययन शामिल है।

अजंता गुफा की प्रसिद्ध भित्तिचित्र ‘बोधिसत्व पद्मपाणि’ का डिजिटल जीर्णोद्धार भी प्रस्तुत किया जाएगा। यह अनोखा अनुभव आगंतुकों को प्राचीन कथाओं और आध्यात्मिक संदेशों से जोड़ते हुए एक करुणा और शांति की यात्रा पर ले जाएगा।

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