वाराणसी
वाराणसी में पुराने वाहनों की नीलामी से नहीं मिलेगा ज्यादा मुआवजा
वाराणसी। रेलवे पार्सल का नियम है कि दोपहिया वाहन पार्सल कार्यालय पहुंचने के बाद छह घंटे के भीतर छुड़वाना जरूरी होता है अन्यथा 10 रुपये प्रति घंटे का विलंब शुल्क लगता है। हालांकि साल 1996 से कैंट रेलवे स्टेशन के पार्सल कार्यालय में 28 दोपहिया वाहन ऐसे हैं जिन्हें उनके मालिक अब तक छुड़ाने नहीं आए।
इन वाहनों का विलंब शुल्क 28 साल में 24 लाख 52 हजार 800 रुपये तक पहुंच गया है।पार्सल कार्यालय में खड़े ये वाहन अब कबाड़ हो चुके हैं। इनमें बुलेट, राजदूत, स्कूटर और अन्य बाइक शामिल हैं।
वाहन मालिकों का कोई अता-पता नहीं है और इतनी लंबी अवधि गुजरने के बाद भी किसी ने इन्हें छुड़ाने की कोशिश नहीं की।रेलवे के अनुसार इन वाहनों के डिस्पोजल की प्रक्रिया आरंभ की जा रही है।
हालांकि नीलामी के जरिए भी इनसे ज्यादा कीमत की उम्मीद नहीं है। वरिष्ठ डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया कि आरटीओ से एनओसी न मिलने के कारण अब तक यह प्रक्रिया रुकी हुई थी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने हाल ही में कैंट स्टेशन के निरीक्षण के दौरान इन वाहनों का जायजा लिया और इन्हें जल्द हटाने के निर्देश दिए।
