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वाराणसी

वायरल फीवर की प्राथमिक जांच व उपचार के लिए हेल्थ एंड वेलनेस पर ज़ोर”

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प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाने में सीएचओ निभा रहे अहम भूमिका – सीएमओ

घर के नजदीक ही मिल सकेगी बुखार से ग्रसित मरीजों को उपचार की सुविधा

सेंटर पर चिकित्सक/विशेषज्ञों के माध्यम से दिया जा रहा टेली-परामर्श

वाराणसी: वायरल फीवर के नियंत्रण व रोकथाम के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर बनाए रखे हुये है। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग बुखार व जोड़ों के दर्द से ग्रसित मरीजों को सामुदायिक स्तर पर ही जांच व उपचार की सुविधा के साथ ही मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर संपर्क करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जनपद के आठ ब्लॉक के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 222 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) तैनात हैं जो निरंतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं समुदाय में लोगों को पहुंचा रहे हैं। वर्तमान में वायरल फीवर का प्रसार तेजी से हो रहा है। इससे बचाव के लिए अब स्वास्थ्य विभाग की सबसे निचली इकाई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ही जांच व उपचार की सेवा के लिए ज़ोर दिया जा रहा है। घर के नजदीक बने सेंटर पर बुखार, जोड़ों से दर्द आदि स्वास्थ्य समस्या को लेकर तुरंत वहाँ के सीएचओ से संपर्क किया जा सकता है। उनके द्वारा स्क्रीनिंग व जांच की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही सेंटर पर टेली कंसल्टेंसी की सुविधा उपलब्ध है। विशेषज्ञ/चिकित्सकों के माध्यम उन्हें परामर्श दिया जा रहा है। गंभीर स्थिति होने पर उच्च इकाईयों के लिए रेफर भी किया जा रहा है।
सीएमओ ने बताया कि अराजीलाइन में 41 सीएचओ, बड़ागांव में 23, पिंडरा में 20, सेवापुरी में 35, चोलापुर में 21, काशी विद्यापीठ में 29, हरहुआ में 29 और चिरईगांव में 24 सीएचओ तैनात हैं। हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से औसतन पाँच-पाँच आशा कार्यकर्ताएं भी तैनात हैं जो लगातार बुखार, सर्दी, खांसी आदि संक्रामक रोगों के मरीजों कि पहचान कर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जांच व उपचार के लिए भेज रही हैं। इसके साथ ही जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी संचालित किया जा रहा है जिसमें लोगों को हर सप्ताह पानी के स्रोतों को नष्ट करने की सलाह दी जा रही है।
काशी विद्यापीठ ब्लॉक के कोरौता हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ प्रिया मल्ल ने कहा कि सेंटर पर प्रतिदिन औसतन 25 से 30 लोगों की ओपीडी होती है, जिसमें से करीब 10 से 12 लोगों को टेली परामर्श की सेवा भी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही सेंटर पर आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। मच्छर रोधी क्रीम का इस्तेमाल करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। हर सप्ताह पानी बदलते रहने के लिए भी सलाह दी जा रही है।
इन्सेट –
सीएचओ की है अहम भूमिका – सीएमओ ने कहा कि सीएचओ अच्छी सेहत को बढ़ावा देने, जांच से बीमारी का जल्द पता लगाने, निदान और दवाओं की उपलब्धता और निरंतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिये टेली-परामर्श का उपयोग करते हुये बुनियादी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सुधारों का नेतृत्व कर रहे हैं। सीएचओ सभी को नि:शुल्क प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन केन्द्रों में प्रोत्साहक, निवारक, और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराई जातीं हैं।

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