चन्दौली
रिंग रोड पर शुरू हुआ आवागमन, वाराणसी पहुंचना अब और भी आसान

छोटे वाहनों के लिए खुला मार्ग, भारी वाहनों पर फिलहाल रोक
चंदौली। पूर्वांचल की बहुप्रतीक्षित चंदौली-वाराणसी रिंग रोड पर छोटे वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। इस नए मार्ग से वाराणसी और चंदौली सहित आसपास के जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। रिंग रोड की एक लेन चालू होने से अब घंटों की दूरी चंद मिनटों में तय की जा सकेगी। साथ ही, शहर के जाम से भी निजात मिलेगी।
हालांकि फिलहाल रिंग रोड पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। यह मार्ग ट्रायल के रूप में शुरू किया गया है, जिसमें दोपहिया और छोटे चार पहिया वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है।
गंगा पर बना 1800 मीटर लंबा और 30 मीटर ऊंचा पुल बना आकर्षण का केंद्र

रिंग रोड का सबसे अहम हिस्सा गंगा नदी पर बना 1800 मीटर लंबा और 30 मीटर ऊंचा पुल है। यह पुल इस ऊंचाई पर इसलिए निर्मित किया गया है ताकि बाढ़ या जलभराव की स्थिति में भी आवागमन बाधित न हो। इस पुल के चालू होने से लोगों में खासा उत्साह है।
परियोजना का 17.8 किलोमीटर हिस्सा चंदौली जिले में
करीब 949 करोड़ रुपये की लागत वाली यह रिंग रोड परियोजना वाराणसी के संदहा क्षेत्र से शुरू होकर चंदौली के रेवसा तक जाती है। कुल 27 किलोमीटर लंबी इस सड़क में से 17.8 किलोमीटर का हिस्सा चंदौली जिले में आता है। यह मार्ग मुगलसराय और चहनियां जैसे क्षेत्रों को सीधे जोड़ता है और लगभग एक दर्जन मार्गों से इसकी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की गई है।
देरी के बावजूद निर्माण कार्य रहा सतत जारी
यह परियोजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी और इसे 2024 के सितंबर तक पूरा किया जाना था। हालांकि, कोविड-19 महामारी और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी दिक्कतों के चलते परियोजना में देरी हुई। बावजूद इसके, निर्माण कार्य लगातार जारी रहा।
गंगा ब्रिज का निर्माण गेमन कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने किया है, जबकि सड़क, पुल, पुलिया और आरओबी का कार्य एमसीसी महादेव कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया था।
ग्रामीणों को मिलेगी आवाजाही और कृषि कार्यों में सहूलियत
रिंग रोड पर दो आरओबी, दो रेलवे ब्रिज, आठ अंडरपास और सर्विस रोड भी बनाए गए हैं। इसके शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को खासतौर से आवाजाही और कृषि कार्यों में काफी सुविधा मिलेगी। साथ ही, शहर में यातायात का दबाव भी कम होगा।