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मिर्ज़ापुर

राजगढ़ में मनरेगा घोटाले का खुलासा

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मिर्जापुर। राजगढ़ विकास खंड, मड़िहान (मिर्जापुर) में मनरेगा योजना के तहत बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं। ग्रामीणों की शिकायत के बाद सोशल ऑडिट टीम के समन्वयक सभाजीत सिंह की रिपोर्ट पर लोकपाल मदन गोपाल गुप्ता की टीम ने जांच की। जांच के दौरान कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। ग्राम सभा में बिना काम कराए भुगतान करा लिया गया और अपात्र व्यक्तियों के खातों में मनरेगा का पैसा भेजा गया।

इतना ही नहीं, अपात्र लोगों को आवास योजना का लाभ दिया गया। जय भोलेनाथ अमृत सरोवर पर इंटरलॉकिंग के काम में अनियमितता पाई गई। वृक्षारोपण के लिए भी बिना काम कराए फर्जी भुगतान कराया गया। जांच में यह भी सामने आया कि एक अपात्र व्यक्ति के पुराने निजी तालाब पर फर्जी भुगतान किया गया। खटखरिया गांव में आवास निर्माण के नाम पर पैसे निकाले गए लेकिन निर्माण कार्य नहीं हुआ।

कच्ची सड़क निर्माण के नाम पर भी लाखों रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। कुल मिलाकर करीब छह लाख रुपये के घोटाले सामने आए। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने विकास खंड अधिकारी से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। राजगढ़ ब्लॉक लंबे समय से भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है जहां कर्मचारी और अधिकारी फर्जी भुगतान में लिप्त हैं।

ग्राम सचिव और सहायक विकास अधिकारी समय पर ब्लॉक नहीं पहुंचते। अधिकतर अधिकारी मिर्जापुर मुख्यालय में रहते हैं और ब्लॉक पर दोपहर बाद आते हैं। जनता को जरूरी कामों के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग परेशान होते हैं।

लगातार हो रही अनियमितताओं से परेशान ग्रामीणों ने सोशल ऑडिट टीम से शिकायत की। टीम ने जांच कर अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दी है। अब कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।

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