राज्य-राजधानी
योगी सरकार ने अग्निवीरों को दिया सुनहरा मौका

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व अग्निवीरों को बड़ी सौगात दी है। अब यूपी पुलिस भर्ती 2025 में इन्हें 20 फीसदी क्षैतिज आरक्षण मिलेगा और साथ ही अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट भी दी जाएगी। यह फैसला राज्य की कैबिनेट बैठक में लिया गया और इससे अग्निपथ योजना के पहले बैच के अग्निवीरों को सीधा लाभ मिलेगा, जिनकी चार साल की सेवा 2026 तक पूरी हो रही है।
अग्निपथ योजना के तहत 2022 से सेना, एयरफोर्स और नेवी में भर्ती किए गए अग्निवीरों को चार साल की सेवा अवधि दी गई है। सेवा समाप्ति के बाद 25 प्रतिशत को सेना में स्थायी नियुक्ति मिलती है, जबकि बाकी को नागरिक सेवाओं में जगह तलाशनी होती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला अग्निवीरों को सुरक्षा बलों में करियर की नई राह देता है।
उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस, पीएसी, घुड़सवार पुलिस, फायरमैन, महिला बटालियन और विशेष सुरक्षा बल जैसी कई श्रेणियों में सीधी भर्तियां होती हैं। अब इनमें 20 फीसदी पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे। चूंकि यह क्षैतिज आरक्षण है, इसलिए लाभ पाने वाले उम्मीदवार अपने मूल आरक्षण श्रेणी (SC/ST/OBC/EWS) का फायदा भी ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घोषणा की पुष्टि पिछले कारगिल विजय दिवस पर की थी, और अब सरकार ने इसे लागू भी कर दिया है। अनुमान है कि आने वाले समय में यूपी पुलिस में 20 से 25 हजार पदों पर भर्तियां निकलेंगी, जिनमें लगभग 5,000 पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे।
यूपी ही नहीं, राजस्थान, हरियाणा और असम जैसे राज्यों ने भी अपने यहां सरकारी नौकरियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए प्राथमिकता देने का ऐलान कर रखा है। हरियाणा में पुलिस सहित अन्य विभागों में, राजस्थान में होमगार्ड और पुलिस सेवाओं में, जबकि असम में सभी सरकारी विभागों में पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इन राज्यों में अधिकतर मामलों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने भी पहले ही ऐलान किया है कि BSF, CISF, ITBP और SSB जैसे केंद्रीय सुरक्षा बलों में अग्निवीरों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। सेना से रिटायर हो रहे इन युवाओं को अनुशासन, फिटनेस और ट्रेनिंग का लाभ मिलेगा, जो पुलिस व सुरक्षा सेवाओं में उपयोगी सिद्ध होगा।
अग्निवीरों को सेना में चार साल की सेवा के दौरान 30 से 40 हजार रुपये तक वेतन मिलता है, जो समय के साथ बढ़ता है। साथ ही जोखिम भत्ता और सेवा निधि अंशदान योजना के तहत सेवा समाप्ति पर लगभग 11.71 लाख रुपये की राशि टैक्स फ्री मिलती है। यदि ड्यूटी के दौरान जान जाती है तो परिवार को एक करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा और सेवा निधि मिलती है। यदि कोई विकलांगता होती है तो 44 लाख रुपये तक की सहायता राशि निर्धारित है।