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यूपी के सभी 75 जिलों में होगी सिविल डिफेंस व्यवस्था लागू

उत्तर प्रदेश में 1962 के बाद ऐतिहासिक फैसला
लखनऊ। प्रदेशवासियों की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट गठित की जाएगी। इस निर्णय का नोटिफिकेशन गुरुवार को राज्यपाल कार्यालय से जारी कर दिया गया। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश के हर जिले में यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
अब तक यह सेवा केवल 24 जिलों तक ही सीमित थी। उल्लेखनीय है कि 1962 में केवल 15 जिलों में सिविल डिफेंस की स्थापना की गई थी, जिसे वर्ष 2015 में बढ़ाकर 24 जिलों तक पहुंचाया गया था।
डीएम होंगे सिविल डिफेंस कोर के कमांडेंट
नई व्यवस्था के तहत जिलाधिकारी (DM) को प्रत्येक जिले में सिविल डिफेंस कोर का कमांडेंट नियुक्त किया गया है। उनके नेतृत्व में ही पद सृजन, भूमि चयन और प्रशासनिक तैयारी की जाएगी। इस सेवा के माध्यम से आपातकालीन परिस्थितियों में राहत और बचाव कार्यों को तेज गति से अंजाम दिया जा सकेगा।
अब इन 49 नए जिलों में होगी सिविल डिफेंस यूनिट की स्थापना
सरकार ने जिन 49 जिलों में सिविल डिफेंस कोर स्थापित करने का निर्णय लिया है, उनमें शामिल हैं:
**अंबेडकरनगर, अमेठी, औरैया, उन्नाव, बहराइच, बाराबंकी, बलिया, बिजनौर, बदायूं, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, फतेहपुर, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, कन्नौज, अमरोहा, कासगंज, कानपुर देहात, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, हापुड़, हमीरपुर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, कुशीनगर, कौशाम्बी, महोबा, मैनपुरी, महराजगंज, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रामपुर, रायबरेली, संभल, संत रविदास नगर, संत कबीरनगर, शाहजहांपुर, शामली, सीतापुर, श्रावस्ती, सोनभद्र, सुलतानपुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर।
सिविल डिफेंस: संकट में राहत का सशक्त माध्यम
सिविल डिफेंस कोर की 12 प्रमुख सेवाएं होंगी:
1. मुख्यालय सेवा
2. हताहत सेवा
3. बचाव सेवा
4. शव निस्तारण सेवा
5. संचार सेवा
6. अग्निशमन सेवा
7. कल्याण सेवा
8. साल्वेज सेवा
9. लावारिस संपत्ति सुरक्षा
10. वार्डेन सेवा
11. प्रशिक्षण सेवा
12. पूर्ति व परिवहन सेवा
इनके माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में तत्काल राहत कार्य सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, यह कदम स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
राज्य सरकार का यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आमजन को सुरक्षा की एक नई परत प्रदान करेगा।