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मौत के बाद भी नौ लोगों को जीवनदान दे गए शुभम और प्रीत

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चंडीगढ़/पंचकूला। सरकार भले ही लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करती हो लेकिन इसका फैसला व्यक्ति या फिर उसके परिवार के सदस्यों को लेना होता है कि उसे अंगदान करना है या नहीं। अंगदान को महादान की श्रेणी में रखा गया है।

आपको बता दें कि, हरियाणा के कैथल निवासी शुभम (24) और जींद की रहने वाली प्रीत (24) ने नौ लोगों को अंगदान कर नया जीवन दिया है। अलग-अलग सड़क हादसों में गंभीर घायल होने के बाद चिकित्सकों ने दोनों को ब्रेन डेड घोषित किया था।

प्रीत का अग्न्याशय व एक किडनी पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती दो मरीजों और एक किडनी एक अन्य मरीज में प्रत्यारोपित की गई। वहीं, लिवर नई दिल्ली के मैक्स अस्पताल भेजा गया। प्रीत के माता-पिता जोगिंदर पाल सिंह और पिंकी रानी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए बेटी के अंगदान का फैसला लिया।

तो वहीं, शुभम का अग्नाशय, किडनी और कॉर्निया का प्रत्यारोपण पीजीआई की प्रतीक्षा सूची में शामिल 4 मरीजों में किया गया। लिवर का मिलान न होने पर उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हवाई मार्ग से लिवर और पित्त आईएलबीएस नई दिल्ली भेजा गया, जहां इसे एक मरीज में प्रत्यारोपण किया। वहीं, शुभम के पिता वजीर सिंह ने कहा, हमारे दिमाग में बस यही विचार था कि हमारा फैसला किसी और का जीवन बचा सकता है।

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