वाराणसी
भारत में स्टार्टअप क्रांति का नया अध्याय: एस.एस.के. भारत ग्रुप की ऐतिहासिक पहल
वाराणसी। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नई और प्रभावशाली पहल के तहत एस.एस.के. भारत ग्रुप ने “एस.एस.के. भारत काशी विश्वनाथ मिनी इंडस्ट्री एंड बिजनेस पार्क” की स्थापना की है। यह मॉडल विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और युवाओं को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूती देना और भारत को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के खरका गाँव में निर्मित यह बिजनेस पार्क देश का पहला ऐसा स्टार्टअप हब है जो ग्रामीण भारत के समग्र विकास का उदाहरण बनेगा। इसका पहला चरण पूरा हो चुका है और जुलाई 2025 तक यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
इस पार्क में जैविक अपशिष्ट और नेपियर घास से बायोकोल ब्रिकेट्स व पेलेट्स बनाए जाएंगे, जो ऊर्जा का एक सस्ता और पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रस्तुत करते हैं। साथ ही, यहां एलपीजी की तुलना में अधिक किफायती और टिकाऊ बायो स्टोव का निर्माण भी होगा।इस पहल के तहत उच्च गुणवत्ता वाला हर्बल कैटल फीड भी तैयार किया जाएगा, जिससे पशुपालकों को बेहतर आमदनी का अवसर मिलेगा।
देसी गायों से प्राप्त दूध, दही, पनीर और आइसक्रीम जैसे शुद्ध उत्पादों का निर्माण किया जाएगा, जो न केवल स्वास्थ्यवर्धक होंगे, बल्कि ग्रामीण डेयरी उद्योग को भी मजबूती देंगे। साथ ही, स्थानीय किसानों से मसालों व एग्रो-प्रोडक्ट्स के लिए कच्चा माल खरीदा जाएगा, जिससे स्थानीय कृषि को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचेगा।इस बिजनेस पार्क से 5000 से अधिक किसानों और 1500 से ज्यादा युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
इसके साथ ही निवेशकों के लिए यह एक मजबूत, स्थायी और लाभकारी अवसर के रूप में उभर रहा है, जो भारत की आर्थिक मजबूती में सहायक होगा।
इस परियोजना को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास भी जारी हैं। ग्रुप के प्रमुख को यूरेशिया क्षेत्र के लिए व्यापार आयुक्त नियुक्त किया गया है, जिससे भारतीय उत्पादों को यूरोप और अन्य वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होगा।यह आंदोलन सिर्फ एक ग्रुप का नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति का है जो भारत के पुनर्निर्माण और उसे फिर से “विश्वगुरु” बनाने के संकल्प में भागीदार बनना चाहता है। किसान हो, युवा हो या जागरूक नागरिक — यह अवसर सभी के लिए है।
