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वाराणसी

भारत के एहसान को ना भूलें बांग्लादेशी : डॉ. अशोक कुमार सिंह

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हिंदुओं पर जुल्म नहीं रुका तो बड़ी कीमत चुकाएगा बांग्लादेश

वाराणसी के प्रमुख राजनीतिज्ञ तथा चिकित्सा और शिक्षा क्षेत्र की जानी मानी हस्ती डॉ. अशोक कुमार सिंह ने वर्ष 1971 की याद दिलाते हुए बांग्लादेश के नागरिकों से कहा है कि, बांग्लादेशियों को भारत के एहसान को नहीं भूलना चाहिए। यदि एहसान भूल गए तो वह एहसान फरामोश कहे जाएंगे।

उन्होंने ‘जयदेश न्यूज़’ और ‘संसार न्यूज़’ से बातचीत करते हुए कहा कि, बांग्लादेश में जिस समय खून-खराबे का दौर चल रहा था। पाकिस्तान के फौजी वहां के लोगों पर जुल्म ढा रहे थे, तब उस समय ‘भारतीय सेना’ ने बांग्लादेश को न सिर्फ बचाया, बल्कि उसे पाकिस्तान के चंगुल से आजाद कराकर एक अलग देश की मान्यता दी जिसे सारी दुनिया ने स्वीकार किया और पूर्वी पाकिस्तान कहे जाने वाले देश को नया नाम बांग्लादेश मिला।

उन्होंने कहा कि, आज कुछ कट्टरपंथी ताकतें बांग्लादेश में सक्रिय हैं, जो पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रही हैं। उन्होंने ही बांग्लादेश में तख्तापलट की कोशिश की और वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देने तथा देश छोड़ कर भारत में शरण लेने को मजबूर किया।

उपद्रवी तत्वों के सामने आरक्षण तो एक बहाना था।आतंकवादियों के मुखौटे के रूप में काम कर रहे उपद्रवी तत्वों और आतंकवादियों के निशाने पर हिंदू ही हैं क्योंकि वहां पर हिंदुओं के मंदिर तोड़े जा रहे हैं। उन पर जुल्म ढाया जा रहा है। भारत सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए बांग्लादेश सरकार को कड़ी चेतावनी देनी चाहिए कि अगर वहां हिंदुओं पर जुल्म बंद नहीं हुआ और हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर हमला नहीं रुका तो भारत इसका बदला लेगा और बांग्लादेश को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

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