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वाराणसी

‘भारत’ अतीत, वर्तमान और भविष्य का विश्वगुरु : श्याम मनोहर महाराज

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‘वाराणसी। आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और सामाजिक संस्था भारत भारती परिषद के तत्वावधान में श्री सत्यनारायण बीसु मंदिर, मैदागिन में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन भक्तों ने भक्ति, प्रेम और श्रद्धा में डूबकर भाव विभोर हो गए।

इस अवसर पर षष्ठपीठाधीश्वर गोस्वामी श्याम मनोहर जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजन हुआ। व्यास पीठ पर विराजमान पंडित संजय कृष्ण शास्त्री ‘भईयाजी’ वृंदावन श्री धाम का स्वागत संस्था के अध्यक्ष अशोक बल्लभदास ने किया और संयोजन दिनेश रामनारायण यादव ने किया।

भागवत जी का विधिवत पूजन-अर्चन संपन्न होने के बाद शास्त्री जी ने बताया कि वेद, गीता, ब्रह्म सूत्र और श्रीमद् भागवत सनातन धर्म का मूल आधार हैं जो भारतीय संस्कृति के उच्च आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अतीत में भी विश्वगुरु था, वर्तमान में भी है और भविष्य में भी रहेगा।

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उन्होंने श्रीमद् भागवत को वेदरूपी कल्पवृक्ष का फल बताया, जिसका श्रवण करने से भक्तों के हृदय में भगवान श्रीकृष्ण की मधुर लीलाओं के प्रति अनुराग जागृत होता है। इससे सांसारिक राग-द्वेष, ईर्ष्या, दुख, संताप और मोह का अंत हो जाता है।

शास्त्री जी ने भागवत कथा के माध्यम से भगवान के बारह अवतार, भक्त प्रहलाद, ध्रुव, राजा भरत और राजा भृगु जैसे चरित्रों का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि परमात्मा ही प्रेम है और प्रेम ही परमात्मा है। मानव का जीवन तभी सार्थक होता है जब उसमें परमात्मा के प्रति प्रेम जागृत हो।

इस आयोजन में डॉक्टर जयशंकर जय, राकेश तिवारी, राजीवन द्रविड़, श्याम कृष्ण अग्रवाल, कविता यादव, दुर्गा देवी, रजनी यादव, विजय, सुरेश, शीतल, राजीव चौरसिया, सत्यनारायण यादव, शंकर और विजय नारायण सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शाम 7 बजे आरती के साथ हुआ।

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