वाराणसी
बाबू जगत सिंह के नाम पर शांति निकेतन में 40 बेड का वार्ड स्थापित

वाराणसी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद बाबू जगत सिंह की अनकही गौरव गाथा की गूंज अब पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है। सेवियर होलिस्टिक इंटरनेशनल ट्रस्ट, कोलकाता ने बोलपुर स्थित शांति निकेतन में अपने आरोग्य हॉस्पिटल में शहीद बाबू जगत सिंह के नाम पर 40 बेड का वार्ड स्थापित किया है। यह वार्ड नेत्र रोगियों की नि:शुल्क सेवा के लिए समर्पित है। हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर शहीद बाबू जगत सिंह का नाम अंग्रेजी और बंगला भाषा में अंकित शिलापट्ट लगाया गया है।
इस वार्ड का लोकार्पण ट्रस्ट के वार्षिकोत्सव के अवसर पर किया गया। इस मौके पर बाबू जगत सिंह शोध समिति के सदस्य सर्वश्री प्रदीप नारायण सिंह, अशोक आनंद, मेजर डॉ. अरविंद कुमार सिंह और एडवोकेट अरविंद कुमार सिंह को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान ट्रस्ट के निदेशक एवं प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉ. भास्कर देव मुखोपाध्याय ने कहा कि ट्रस्ट के सेवा कार्य का यह विस्तार बाबू जगत सिंह राज परिवार के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
डॉ. मुखोपाध्याय ने बताया कि उनका ट्रस्ट 1935 में उनके पिता डॉ. गोपाल देव मुखोपाध्याय द्वारा स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा, “बाबू जगत सिंह जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी को युगों-युगों तक याद रखा जाएगा।”
शहीद की गाथा का ऐतिहासिक जुड़ाव गंगासागर तक
इस अवसर पर मेजर डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि 14 जनवरी 1799 को ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बगावत करने वाले बाबू जगत सिंह का अंतिम जुड़ाव गंगासागर (कोलकाता) से है। वहीं, उन्होंने आजीवन कारावास के दौरान जल समाधि ली थी।
वाराणसी में भी हो रहा है बाबू जगत सिंह का सम्मान
गौरतलब है कि हाल ही में सारनाथ स्थित धर्मराजिका स्तूप से 225 वर्ष पुराने गलत तथ्यों को संशोधित कर शहीद बाबू जगत सिंह से संबंधित नया शिलापट्ट लगाया गया है। इसके अलावा, लहुराबीर स्थित क्वींस इंटर कॉलेज के पास उनके नाम पर एक भव्य द्वार भी बनाया गया है।
अन्य गुमनाम सेनानियों को भी मिले पहचान
बाबू जगत सिंह शोध समिति ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के सच को उजागर किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां इन महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा ले सकें।