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गाजीपुर

बरसात और उमस भरे मौसम में बीमारियों का बढ़ा खतरा, चिकित्सकों ने दी सतर्क रहने की सलाह

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बहरियाबाद (गाजीपुर)। बरसात और उमस भरी गर्मी में संक्रामक रोगों का प्रकोप तेजी से बढ़ने लगा है। चिकित्सकों के अनुसार, इस मौसम में नमी, जलभराव और तापमान में बदलाव से बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी तेजी से पनपते हैं, जिससे थोड़ी सी लापरवाही पर भी अनेक बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है।

जानकारों का कहना है कि बरसात में सबसे ज्यादा खतरा जलजनित रोगों का रहता है। दूषित पानी से हैजा, टाइफाइड, पीलिया और गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसे रोग तेजी से फैलते हैं। हैजा विब्रियो कॉलेरी बैक्टीरिया से फैलता है, जिसमें गंभीर दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन से मृत्यु भी हो सकती है। बचाव के लिए उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पीना जरूरी बताया गया है। टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से होता है। इसके लक्षणों में लगातार तेज बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, पेट दर्द और भूख न लगना शामिल हैं। पीलिया हेपेटाइटिस ए और ई वायरस के कारण होता है। इसमें आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, थकान और गहरे रंग का पेशाब होना आम लक्षण हैं। गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी बरसात के मौसम में आम बीमारी है, जिसमें दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन होती है।

बरसात में रुका पानी मच्छरों के प्रजनन का मुख्य कारण बनता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। डेंगू एडीस एजिप्ती मच्छर के काटने से होता है, जिसमें तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं। मलेरिया एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इसमें ठंड लगने के साथ तेज बुखार, सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है। चिकनगुनिया भी एडीस एजिप्ती और एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर से फैलता है, जिसमें तेज बुखार और जोड़ों में असहनीय दर्द होता है।

चिकित्सकों ने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस का खतरा भी बरसात में बढ़ जाता है, जो लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया से होता है। यह संक्रमित जानवरों के मूत्र से दूषित पानी के संपर्क में आने पर फैलता है। इसके लक्षण तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी और कभी-कभी पीलिया हैं। वहीं नमी के कारण फंगल और बैक्टीरियल त्वचा संक्रमण के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इससे खुजली, दाने और जलन की समस्या होती है। तापमान में बदलाव के कारण सामान्य सर्दी, खांसी और फ्लू के मामले भी बढ़ रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने बचाव के लिए लोगों को उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पीने, ताजा व गर्म भोजन करने, शौच के बाद और खाने से पहले हाथ धोने, मच्छरों को पनपने से रोकने, नमी से बचने, साफ व सूखे कपड़े पहनने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें खाने की सलाह दी है। चिकित्सकों का कहना है कि इस मौसम में थोड़ी सी सावधानी बरतकर अधिकांश रोगों से बचा जा सकता है।

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