गाजीपुर
बकाया बिल वालों के कटे कनेक्शन, गांव में छापेमारी से हड़कंप

महिलाओं ने लगाये बदसलूकी के आरोप
मनिहारी (गाजीपुर)। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार चल रहे सघन विद्युत चेकिंग अभियान के अंतर्गत बिजली विभाग की एक विशेष टीम ने मनिहारी क्षेत्र की ग्राम सभा यूसुफपुर में बड़ी कार्रवाई की। सुबह 11 बजे से शुरू हुए इस अभियान के दौरान विभागीय अधिकारियों ने बकायेदारों के कनेक्शन काटे और अवैध रूप से बिजली का उपयोग कर रहे उपभोक्ताओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की।
अधिकारियों ने मौके पर ही निर्देश दिए कि बिना विभागीय अनुमति किसी भी कनेक्शन को पुनः न जोड़ा जाए। टीम में अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार त्रिपाठी, महिला एसडीओ साधना विद्यार्थी, मीटर रीडर, एसडीओ, जेई और बड़ी संख्या में लाइनमैन शामिल रहे।
अभियान के चलते ग्रामवासियों में भय और दहशत का माहौल रहा। कई घरों में चेकिंग के दौरान हुए घटनाक्रम से लोग नाराज भी नजर आए। कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के पुरुष कर्मचारी बिना अनुमति घरों में घुस आए, जिससे वे शर्मसार हुईं। इस पर भी विभागीय अधिकारियों ने कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी।
अधिकारियों ने ग्राम प्रधान से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि गांव में बिजली बिल जमा करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया जाए, ताकि 80 प्रतिशत से अधिक बकायेदारों से वसूली की जा सके।
इस अभियान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पंचम सिंह ने जय देश समाचार से बातचीत में बताया कि उन्होंने ग्रामसभा में बीपीएल व अंत्योदय कार्डधारकों के लिए कैंप लगवाकर लगभग 800 वैध कनेक्शन दिलवाए, जिससे गांव अवैध बिजली कनेक्शन से लगभग मुक्त हो गया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण वैध उपभोक्ताओं को दो वर्ष बाद एकमुश्त 40 हजार से एक लाख रुपये तक के बिल थमा दिए गए, जिसकी शिकायत कई बार जेई, एसडीओ व अधिशासी अभियंता से की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। इसी कारण उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ा और वसूली की दर में गिरावट आई।
पंचम सिंह ने मांग की कि ग्रामसभा में पुनः कैंप लगाकर उपभोक्ताओं के बिलों की त्रुटियों को सुधारा जाए और जब तक समाधान न हो, किसी उपभोक्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न की जाए। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि बिल सही होंगे तो शत-प्रतिशत वसूली संभव है।
यह अभियान न केवल विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि यदि उपभोक्ताओं की शिकायतों का समय रहते निवारण किया जाए, तो बिजली चोरी पर रोक लगाने के साथ-साथ राजस्व वृद्धि भी सुनिश्चित की जा सकती है।