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वाराणसी

‘बकरी अनुसंधान केन्द्र’ पर विवाद, धरने पर बैठे बीएचयू के प्रोफेसर

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वाराणसी। मथुरा में प्रस्तावित ‘बकरी अनुसंधान केन्द्र’ को लेकर विरोध शुरू हो गया है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के प्रोफेसर डॉ. सुनील कुमार ने गुरुधाम चौराहे पर धरना देते हुए इसकी कड़ी आपत्ति जताई।

धरने पर बैठे प्रोफेसर ने कहा कि मथुरा की पवित्र भूमि भगवान गोविंद-गोपाल की चरभूमि रही है। ऐसे स्थान पर बकरी पालन और अनुसंधान जैसे कार्य सनातन सिद्धांतों के प्रतिकूल हैं। उनका कहना था कि “सनातन धर्म में गाय को मां का दर्जा प्राप्त है, मथुरा श्रीकृष्ण की गौ-लीलाओं से जुड़ी भूमि है। यहां बकरी पालन एवं उससे जुड़े वैज्ञानिक प्रयोग नकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगे और आस्थावानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाएंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि शास्त्रों में बकरी को ऐसा प्राणी बताया गया है जो नकारात्मक ऊर्जा का वाहक है और हिंसा-प्रतिहिंसा को जन्म देता है। इस कारण गौ-भूमि पर ऐसा अनुसंधान केन्द्र स्थापित करना अनुचित और अपवित्रता फैलाने वाला कदम है।

प्रो. सुनील कुमार ने सरकार से तत्काल इस अनुसंधान केन्द्र को बंद करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि समय रहते इस पर संज्ञान नहीं लिया गया, तो आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप ले सकता है।

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