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मिर्ज़ापुर

फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 अगस्त से चलेगा विशेष अभियान

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मिर्जापुर। जिले के चार ब्लॉकों में चलेगा दवा वितरण कार्यक्रममीरजापुर। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान 10 अगस्त से शुरू किया जाएगा। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित बैठक के दौरान दी गई।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. संजय ने बताया कि यह एक वार्षिक दवा सेवन कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव संभव है। यह अभियान जिले के विजयपुर, चील्ह, गुरुसण्डी और पड़री ब्लॉकों में संचालित किया जाएगा। मीरजापुर फाइलेरिया के लिए एक एंडेमिक जनपद है, यानी यहां स्वस्थ लोगों में भी माइकोफाइलेरिया नामक कीटाणु पाए जा सकते हैं।

अधिकारी ने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को छोड़कर सभी को यह दवा खिलाई जाएगी। डीईसी और एल्बेण्डाजोल दवा उम्र के आधार पर दी जाएगी, जबकि आइवरमेक्टिन दवा लम्बाई के अनुसार दी जाएगी। दवाएं खाली पेट नहीं खानी हैं, इसलिए दवा वितरण का समय सुबह 11 बजे से निर्धारित किया गया है।

सभी लोगों को यह दवा स्वास्थ्यकर्मी की निगरानी में ही खानी होगी।माइकोफाइलेरिया से संक्रमित लोगों में दवा सेवन के बाद हल्का सिरदर्द, बदन दर्द, बुखार, उल्टी या खुजली जैसे लक्षण हो सकते हैं, जो सामान्य हैं और स्वयं ठीक हो जाते हैं।

किसी भी असुविधा की स्थिति में संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की रैपिड रिस्पांस टीम से संपर्क किया जा सकता है। जिले में ब्लॉक और जनपद स्तर पर कुल 4 रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है।

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फाइलेरिया रोग संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है और किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके लक्षणों में हाथ, पैर, स्तन या अंडकोष में सूजन शामिल है।

इस अभियान के तहत दी जा रही दवाएं पेट के कीड़ों, खुजली, जूँ और स्नोफिलिया जैसी समस्याओं में भी लाभकारी हैं। संक्रमण के बाद लक्षण प्रकट होने में 5 से 10 साल तक का समय लग सकता है।आईडीए कार्यक्रम के अंतर्गत सभी आवश्यक दवाएं और सामग्री प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं।

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