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चन्दौली

प्रसव के बाद आदिवासी महिला की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

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चंदौली। जिले के नौगढ़ तहसील अंतर्गत बाघी गांव में गुरुवार की शाम एक दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। मुसहर बस्ती की 32 वर्षीय आदिवासी महिला मीरा की प्रसव के बाद मौत हो गई। मीरा को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे तुरंत नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद उसकी स्थिति गंभीर बताकर रेफर कर दिया।

संसाधनों की कमी और जागरूकता के अभाव में मीरा के पति मनोज ने उसे किसी बड़े सरकारी अस्पताल की बजाय बाघी बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। ऑपरेशन के जरिए बच्चे का जन्म तो हो गया, लेकिन मीरा की तबीयत और बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उसे फिर रेफर किया, लेकिन वह रास्ते में ही दम तोड़ बैठी।

मीरा अपने पीछे तीन छोटे बच्चों को छोड़ गई है दस साल की बेटी, तीन साल का बेटा और एक नवजात शिशु। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मनोज के लिए यह घटना जीवन का सबसे बड़ा दुख बनकर टूटी। अब वह अकेले तीन बच्चों की जिम्मेदारी उठाने को मजबूर है।

गांव में मातम का माहौल है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दीपक गुप्ता और ग्रामीणों ने आपस में चंदा इकट्ठा कर मीरा का अंतिम संस्कार कराया। मनोज ने बताया कि वह पत्नी को लेकर चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। राजा मंडी घाट पर ससुराल पक्ष और गांव वालों की मदद से अंतिम संस्कार किया गया।

ग्राम प्रधान नीलम ओहरी ने तत्काल मौके पर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने व्यक्तिगत आर्थिक सहायता भी प्रदान की, हालांकि परिवार ने आपसी सहमति से खुद ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया।

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