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वाराणसी

प्रधानमंत्री ने गंगा के उफान पर डीएम-कमिश्नर से ली रिपोर्ट

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वाराणसी में गंगा का प्रकोप जारी, चेतावनी बिंदु पार, सड़कों तक पहुंचा बाढ़ का पानी

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब खतरे की घंटी बजने लगी है। शनिवार सुबह 8 बजे केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा 70.87 मीटर पर बह रही है, जो चेतावनी बिंदु को पार कर चुकी है। खतरे के निशान 71.26 मीटर से यह महज 39 सेंटीमीटर दूर है। हर घंटे जलस्तर में चार सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिससे शहर के निचले इलाकों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने काशी दौरे के दौरान मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से बाढ़ की स्थिति पर विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रभावितों को त्वरित मदद देने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि, अस्सी घाट की सड़कों तक पानी पहुंचने से दुकानें खाली कराई जा रही हैं, वहीं मणिकर्णिका घाट की गलियों में नावें चलने लगी हैं। हरिश्चंद्र घाट पर भी शवदाह में परेशानी हो रही है और लोगों को अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। घाटों के अधिकांश मंदिर पानी में डूब चुके हैं।

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बाढ़ से शहर के 10 मोहल्ले और 15 गांव प्रभावित हो चुके हैं। अब तक 436 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है और सभी राहत कैंपों को सक्रिय कर दिया गया है। वरुणा नदी में पलट प्रवाह के कारण दीनदयालपुर, पैगंबरपुर, पुलकोहना, पुराना पुल, रूप्पनपुर और सलारपुर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पानी घुस चुका है। वरुणा क्षेत्र में कई घर चारों तरफ से पानी से घिर चुके हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने काशी दौरे के दौरान मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से बाढ़ की स्थिति पर विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रभावितों को त्वरित मदद देने के निर्देश दिए हैं।

सिंचाई विभाग के अनुसार, नगवां नाला के किनारे स्थित रास्तों पर पानी भर गया है, जिससे अस्सी पुष्कर तालाब तक की आवाजाही बंद हो गई है। विभाग ने चैनल गेट बंद करवा कर मोटर पंप से निकासी की व्यवस्था शुरू कर दी है।

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स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि गंगा के बढ़ते जलस्तर से 1978 का रिकॉर्ड स्तर टूटने की आशंका जताई जा रही है। उस वर्ष गंगा का जलस्तर 73.901 मीटर तक पहुंचा था। यदि यही रफ्तार रही तो आगामी दिनों में खतरे के निशान को पार करना तय माना जा रहा है।

जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों की ओर जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। राहत और बचाव के लिए NDRF की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में गश्त कर रही हैं।

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