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वाराणसी

पूर्व विधायक सुनील ओझा के ट्रस्ट पर संपत्ति विवाद

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बेटे ने सात के खिलाफ दर्ज कराया धोखाधड़ी का मुकदमा

वाराणसी में भाजपा के पूर्व विधायक और संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले सुनील बालकृष्ण ओझा के निधन के एक साल बाद उनके ट्रस्ट की संपत्तियों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ओझा के बेटे विरल जो बड़ौदा के मूल निवासी हैं और महमूरगंज स्थित विराट विला में रहते हैं ने कैंट थाने में संध्या दूबे समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया है।

विरल ने बताया कि पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट ओएस बाल कुंदन फाउंडेशन का कार्यालय महमूरगंज में स्थित है और वे उसके ट्रस्टी हैं। उनके पिता सुनील ओझा इस ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी थे। उनके साथ संध्या दूबे और हैदराबाद के मेकला विष्णु वर्धन रेड्डी भी ट्रस्टी थे।

2021 में शिवदासपुर के नितिन मल्होत्रा को ट्रस्टी बनाया गया। पिता के निधन के बाद ट्रस्ट में विरल और उनके भाई रित्विक को ट्रस्टी के रूप में शामिल किया गया। विरल का आरोप है कि संध्या दूबे अब ट्रस्ट की संपत्तियों को हड़पने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने धोखाधड़ी के जरिए कुछ लोगों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए।

आरोपितों में संध्या दूबे, हरिशंकर दूबे, अमित कुमार मिश्र, विनोद कुमार पांडेय, प्रेमराज खमिजा, संजय तिवारी और जयप्रकाश तिवारी शामिल हैं।

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विरल ने यह भी बताया कि जब वे अपने भाई रित्विक के साथ 29 नवंबर 2024 को अपने पिता की पुण्यतिथि पर वाराणसी आए तो संध्या दूबे और उनके साथियों ने धमकी दी।

उन्होंने कहा कि यहां से चले जाओ वरना जान से मार दिए जाओगे। आरोपितों ने यह भी कहा कि उनके पिता को मारने की साजिश उन्होंने ही रची थी।

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