वाराणसी
पत्थरबाजी से डरे ग्रामीण, होली न मनाने का फैसला

वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के कोटवा गांव में तनाव बढ़ता जा रहा है। विशेष समुदाय के लोगों द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों और असुरक्षा की भावना के कारण हिंदू समुदाय ने इस बार होली न मनाने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहा है, जिससे इलाके में भय का माहौल बना हुआ है।
करीब 25 दिन पहले गांव में मजदूरी करने वाले भैया लाल पटेल की कुछ लोगों ने शराब पिलाने के बाद जिंदा जलाकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। मृतक की पत्नी उषा देवी का कहना है कि उनके पति की किसी से दुश्मनी नहीं थी, फिर भी उन्हें बेरहमी से मार दिया गया। लेकिन पुलिस ने अब तक सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य फरार हैं।
हत्या के बाद गांव में हिंदू परिवारों के घरों पर पत्थरबाजी की घटनाएं हो रही हैं। दो दिन पहले एक अल्पसंख्यक हिंदू परिवार के मकान पर पत्थरबाजी कर माहौल खराब करने की कोशिश की गई। ग्रामीणों का कहना है कि गांव की सात मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर से लगातार भड़काऊ संदेश दिए जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
पहले गांव में पीएसी की तैनाती रहती थी, लेकिन मुलायम सिंह सरकार के दौरान उसे हटा दिया गया। तब से हिंदू परिवार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मृतक भैया लाल की बेटियों ने बताया कि वे डर के माहौल में जी रही हैं, लेकिन प्रशासन केवल आश्वासन दे रहा है, ठोस कदम नहीं उठा रहा।
गांव के हिंदू परिवारों ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उचित इंतजाम न होने के कारण उन्होंने इस बार होली न मनाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि जब तक सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती, वे त्योहार नहीं मनाएंगे।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अगर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।