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पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट: मजदूरी करने गये एक ही परिवार के 11 लोगों सहित 20 की मौत

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गुजरात के बनासकांठा जिले में मंगलवार सुबह 8 बजे हुए भयानक पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में मध्य प्रदेश के हरदा जिले के एक ही परिवार के 11 सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई। यह सभी मजदूरी करने गए थे ताकि होली पर मृत बेटे की तेरहवीं कर सकें, लेकिन इस हादसे ने पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया। विस्फोट में कुल 20 मजदूरों की जान गई, जिनमें से 18 की पहचान हो चुकी है।

तेरहवीं के लिए कमाने गये, पूरा परिवार खत्म

हरदा के हंडिया क्षेत्र की गीताबाई का परिवार इस हादसे का सबसे बड़ा शिकार बना। उनके तीन पोते विष्णु (22), राजेश (25) और बिट्टू (15) समेत कुल 11 लोग इस विस्फोट में मारे गए। गीताबाई ने बताया कि उनके बेटे सत्यनारायण की होली पर मौत हो गई थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण तेरहवीं नहीं हो पाई थी। इसीलिए पूरा परिवार गुजरात मजदूरी करने गया था। वहां से लौटने के बाद तेरहवीं करनी थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

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विस्फोट इतना भयानक कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े 50 मीटर दूर तक मिले

पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि आधी बिल्डिंग ध्वस्त हो गई। विस्फोट के समय मजदूर पटाखा निर्माण कर रहे थे। धमाका इतना तेज था कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े 50 मीटर दूर तक बिखर गए। खेतों में भी मानव अंग मिले। फायर ब्रिगेड को आग पर काबू पाने में 6 घंटे लगे।

सरकारी सहायता और मुआवजा

मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को रुपये 2 लाख और घायलों को रुपये 50 हजार देने की घोषणा की है। गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों को रुपये 4 लाख और घायलों को रुपये 50 हजार देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मृतकों के परिजनों को रुपये 2 लाख और घायलों को रुपये 50 हजार देने की घोषणा की गई है। हरदा विधायक डॉ. आरके दोगने ने मृतकों के परिवार को रुपये 20 हजार देने का ऐलान किया है।

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परिजनों की दर्दभरी गवाही

हरदा के कोलीपुरा टप्पर निवासी लक्ष्मीबाई अपने परिवार के 11 लोगों को लेकर गुजरात मजदूरी करने गई थीं। उनका बेटा विजय इस हादसे में गंभीर रूप से घायल है। भाई वीरेंद्र ने बताया कि पहले हरदा की पटाखा फैक्ट्रियों में काम करते थे, लेकिन वहां हादसों के चलते फैक्ट्रियां बंद हो गईं। इसके बाद वे बेहतर मजदूरी की उम्मीद में गुजरात गए, लेकिन अब पूरा परिवार उजड़ गया।

फैक्ट्री में गैरकानूनी रूप से बनते थे पटाखे

इस फैक्ट्री में बिना लाइसेंस के सुतली बम बनाए जा रहे थे। 28-30 मजदूरों के लिए उसी परिसर में रसोई बनी थी, जहां सल्फर और नाइट्रेट जैसे ज्वलनशील पदार्थों का विशाल भंडारण था। 12 मार्च को स्थानीय अधिकारियों ने फैक्ट्री की जांच की थी, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। अगर फैक्ट्री को सील किया जाता, तो शायद यह हादसा टल सकता था।

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फैक्ट्री मालिक गिरफ्तार, अवैध आतिशबाजी का कारोबार

गुजरात में दीपक ट्रेडर्स के नाम से यह फैक्ट्री खूबचंद सिंधी ने अपने बेटे दीपक मोहनानी के नाम पर शुरू की थी। यह शहरी क्षेत्र से दूर अवैध रूप से संचालित की जा रही थी। यहां पटाखे बनाने का कोई लाइसेंस नहीं था, केवल बेचने की अनुमति थी। विस्फोट के बाद मालिक दीपक फरार हो गया था, लेकिन पालनपुर लोकल क्राइम ब्रांच ने उसे ईडर-साबरकांठा से गिरफ्तार कर लिया है।

एमपी सरकार की टीम गुजरात रवाना

मध्य प्रदेश सरकार ने इस हादसे के बाद अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान को बनासकांठा भेजा है। हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने मृतकों की पहचान और घायलों की मदद के लिए अफसरों की एक टीम गुजरात रवाना की है। देवास जिले से भी अफसरों की एक टीम बनासकांठा पहुंच चुकी है।

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डीसा सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, तीन मजदूर 40% से ज्यादा जल चुके हैं, जिनमें से एक की हालत बेहद गंभीर है। प्रशासन ने घायलों का समुचित इलाज करवाने और मृतकों के परिजनों को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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