गाजीपुर
पंडित मदन मोहन मालवीय इण्टर कॉलेज में तुलसीदास की जयंती धूमधाम से मनाई गई
दुल्लहपुर (गाजीपुर)। क्षेत्र के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान पंडित मदन मोहन मालवीय इण्टर कॉलेज, सिखड़ी में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय में तुलसीदास कृत रचनाओं पर आधारित अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता और श्रीरामचरितमानस से उद्धृत दोहा, चौपाई एवं छंदों का सस्वर पाठ किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
हर वर्ष की भांति इस बार भी छात्रों ने तुलसीदास रचित विविध ग्रंथों से रचनाओं को कंठस्थ कर प्रस्तुत किया। अन्त्याक्षरी प्रतिस्पर्धा में विजयी कक्षा को सम्मानित भी किया गया। इसके पश्चात आज के सामाजिक परिवेश में तुलसीदास और उनके साहित्यिक योगदान पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. नीरज राय ने गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।

डॉ. नीरज राय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास रामभक्ति शाखा के अप्रतिम साधक और समाज के सच्चे मार्गदर्शक थे। उन्होंने अपनी कालजयी कृति श्रीरामचरितमानस के माध्यम से भगवान श्रीराम की भक्ति को सरल, सहज भाषा में जन-जन तक पहुँचाया। डॉ. राय ने यह भी कहा कि तुलसी साहित्य भक्ति भावना को सुदृढ़ करता है, साथ ही उनकी सामाजिक और लोकवादी दृष्टि अन्य समकालीन कवियों की तुलना में कहीं अधिक व्यापक और प्रभावशाली रही है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रबंधक पारस नाथ राय ने की। उन्होंने रामचरितमानस की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के चरित्र में अद्भुत समरूपता है। राम के राज्याभिषेक के प्रसंग को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीराम ने राज्याभिषेक और वनगमन दोनों परिस्थितियों में एक समान भाव प्रदर्शित किया, जो उनके वैराग्य और संतुलन का प्रतीक है।
इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुरेश राय द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया।
