मिर्ज़ापुर
नो-ड्यूज सर्टिफिकेट न मिलने से किसान परेशान

मिर्जापुर के मड़िहान क्षेत्र में इंडियन बैंक की शाखा पर किसानों के साथ लापरवाही और उत्पीड़न का मामला सामने आया है। स्थानीय किसान ने बैंक पर आरोप लगाया कि केसीसी का पूरा कर्ज चुकाने के बावजूद नो-ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया और जमा राशि खाते में नहीं डाली गई।
इस लापरवाही के कारण किसान का सी बिल खराब हो गया।कठहवां फार्म के एक किसान ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले केसीसी ऋण लिया था, जिसे ब्याज सहित चुका दिया गया, लेकिन बैंक ने उनका खाता सही ढंग से अपडेट नहीं किया। जब किसान ने इस संबंध में शाखा प्रबंधक से बात की, तो प्रबंधक ने कहा कि राशि सेविंग खाते में जमा की गई थी। हालांकि, किसान का कहना है कि जमा राशि को केसीसी खाते में ट्रांसफर किया जाना चाहिए था।
ग्रामीणों ने भी बैंक की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बकाया वसूली के नाम पर बैंक किसानों की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और वृद्धा पेंशन जैसी सरकारी योजनाओं की राशि जब्त कर लेता है।
इतना ही नहीं बकाया चुकाने के लिए बैंक जमीन और मकान की नीलामी तक कर देता है।किसानों का कहना है कि बैंक के इस रवैये से उन्हें मानसिक और आर्थिक तनाव झेलना पड़ रहा है। बैंक के समय पर न खुलने और कर्मचारियों के नियमित रूप से उपस्थित न रहने की भी शिकायतें की जा रही हैं। इससे स्पष्ट होता है कि बैंक प्रबंधन पर कोई नियंत्रण नहीं है और किसानों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।