पूर्वांचल
धूमधाम से मनाया गया शायर नज़ीर बनारसी का 115वीं जयंती

गाज़ीपुर। जन कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में आज राम कटोरा स्थित अन्नपूर्णा सभागार में प्रसिद्ध शायर नज़ीर बनारसी की 115वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता एप पी श्रीवास्तव ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में शमशुल आरफीन मौजूद थे।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष गंगा सहाय पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत किया।कार्यक्रम की शुरुआत नज़ीर साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके की गई। इसके बाद, उपस्थित रचनाकारों और ग़ज़लकारों ने अपनी रचनाओं से नज़ीर बनारसी को श्रद्धांजलि अर्पित की। काव्य पाठ मां सरस्वती की वंदना से हुआ, जिसके बाद कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया।काव्यपाठ में कवियों की भागीदारीकवि सिद्धनाथ शर्मा ‘सिद्ध’ ने अपनी रचना “जिंदगी संतोष करना सीख ले, राम का जयघोष करना सीख ले” से काव्य पाठ की शुरुआत की।
संतोष प्रीत ने “हृदय का अभिव्यक्ति से संबंध हो” कविता प्रस्तुत की। शायर भुलक्कड़ बनारसी ने नज़ीर साहब को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “नज़ीर बनारसी बनारस की शान थे, अपने समकक्ष शायरों के बीच वह महान थे।”कवि दिनेश दत्त पाठक ने अपनी रचना “सिहरन दौड़े रात में दिन में घाम सुहाय” सुनाई, जबकि आशिक बनारसी ने इश्क और प्यार पर आधारित अपनी ग़ज़ल “इश्क है तो इश्क इज़हार होना चाहिए आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए” पेश की।
प्रमुख अतिथियों और साहित्यकारों की उपस्थितिकार्यक्रम में डॉ. नईम कादरी, राधे मोहन पाण्डेय, राजेन्द्र गुप्ता, रमजान अली कुरैशी, गोपाल केशरी, शैलेन्द्र अम्बष्ट, और अन्य साहित्यकार भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन कवि सिद्धनाथ शर्मा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विजय चन्द्र त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी साहित्य प्रेमियों ने नज़ीर साहब के योगदान को याद करते हुए उनके काव्यात्मक जीवन को सलाम किया।