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गाजीपुर

दीनानाथ दास चौबे बने महाकाल भैरव अखाड़ा के महामंडलेश्वर

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सैदपुर (गाजीपुर)। गोरथौली गांव के गोलधमकवा निवासी और केदारनाथ संस्कृत महाविद्यालय, गोपपुर के पूर्व आधुनिक विद्याध्यापक दीनानाथ चौबे को महाकाल भैरव अखाड़ा द्वारा “श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर” की प्रतिष्ठित उपाधि से विभूषित किया गया। यह समाचार मिलते ही समूचे क्षेत्र में हर्ष की लहर दौड़ गई और श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल बन गया।

दीनानाथ दास चौबे के महामंडलेश्वर बनने की घोषणा होते ही उनके शिष्यों, भक्तों और स्थानीय नागरिकों की भीड़ बधाई देने उनके आवास पर उमड़ पड़ी। गुरुजी के दर्शन और आशीर्वाद के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचे और इस उपलब्धि को पूरे पूर्वांचल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया।

स्थानीय लोगों ने कहा कि दीनानाथ जी का यह सम्मान सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण क्षेत्र की आध्यात्मिक विरासत और सामाजिक चेतना का सम्मान है। वर्षों की साधना, सेवा और शिक्षण के पश्चात उन्हें यह पदवी प्राप्त होना उनकी तपस्या का फल है।

महाकाल भैरव अखाड़ा द्वारा दी जाने वाली महामंडलेश्वर की उपाधि संत समाज में उच्चतम धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यता का प्रतीक मानी जाती है। दीनानाथ चौबे को इस उपाधि से विभूषित किया जाना न केवल संत समाज की श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्रीय पहचान और सांस्कृतिक गौरव का भी प्रतिनिधित्व करता है।

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