गोरखपुर
डबल मर्डर केस : ऑटो चालक समेत दो संदिग्ध हिरासत में, बड़ी बेटी भी जांच के दायरे में
गोरखपुर के घोषीपुरवा में मां शांति देवी और बेटी विमला जायसवाल की हत्या के मामले में पुलिस ने ऑटो चालक समेत दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पूछताछ में असहजता और बयानों में बदलाव के कारण पुलिस को चालक पर संदेह है। मोबाइल फोन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से पता चला है कि चालक एक प्रॉपर्टी डीलर के संपर्क में था। घटना के दिन डॉग स्क्वॉयड के खोजी कुत्ते ने भी उसका घर और सब्जी ठेला लगाने वाली जगह पर संकेत दिए थे। पुलिस ने बड़ी बेटी सुशीला को भी जांच के दायरे में शामिल किया है।
घटना सोमवार देर रात की है। हमलावरों ने हथौड़ा से हमला कर दोनों की हत्या कर दी थी। मंगलवार को पुलिस, फॉरेंसिक और डॉग स्क्वॉयड के साथ मौके पर पहुंची थी। शव अलग-अलग कमरों में खून से लथपथ अवस्था में मिले थे। पुलिस अब तक 45 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है।
क्राइम ब्रांच, सर्विलांस, स्वाट टीम और आसपास की थाना पुलिस की सात टीमें जांच में जुटी हैं। बुधवार को अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाली बड़ी बेटी सुशीला और उसके पति नवीन चंद से पूछताछ में बयान बदलने पर पुलिस ने उन्हें भी संदेह के दायरे में ले लिया।
सीडीआर में सामने आया कि घटना की रात दो बजे तक ऑटो चालक स्टेशन के आसपास साथियों के साथ शराब पी रहा था। इसके बाद उसका लोकेशन शांति देवी के घर के आसपास मिला। चालक की गतिविधियों और पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।
पुलिस की अब तक की जांच में संपत्ति विवाद हत्या का मुख्य कारण माना जा रहा है। साथ ही विमला के संपर्क में रहने वालों को भी ट्रेस किया जा रहा है। कई मोबाइल नंबरों की लोकेशन की जांच सर्विलांस टीम कर रही है।
फॉरेंसिक जांच में घर में जबरन घुसने के निशान नहीं मिले हैं, जिससे पुलिस को किसी परिचित द्वारा वारदात को अंजाम दिए जाने का संदेह है। पड़ोसियों का कहना है कि विमला कुछ महीनों से तनाव में रहती थी और आने-जाने वालों से असहज रहती थी।
पुलिस ने बुधवार को सुशीला और उसके पति को घटनास्थल पर ले जाकर पूछताछ की। पाया गया कि विमला की हत्या आंगन में की गई थी और बाद में शव कमरे में लाया गया। संघर्ष के स्पष्ट निशान भी मिले हैं। पूछताछ के दौरान सुशीला असहज दिखी और बार-बार बयान बदल रही थी।
पता चला कि 2017 में सुशीला की सौतेली मां ऊषा की मौत के बाद प्रॉपर्टी एग्रीमेंट कराने में बिहार निवासी बहन डाली के पति रूपेश ने सहयोग किया था। प्रॉपर्टी डीलर ने बाद में अपने एक चालक को शांति देवी के मकान की दूसरी मंजिल पर रहने के लिए भेज दिया था। नीचे वाले फ्लैट में शांति देवी और विमला रहती थीं। एक फ्लैट किराए पर शालू नामक युवती को दिया गया था, जिसकी शादी बस्ती निवासी युवक से हुई है।
सीओ गोरखनाथ रवि सिंह ने बताया कि कई टीमों द्वारा जांच जारी है। सीडीआर विश्लेषण, पूछताछ और जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
