वाराणसी
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राजस्व कार्यों की गहन समीक्षा बैठक सम्पन्न

लापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
वाराणसी । कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर प्रदर्शित राजस्व कार्यों, राजस्व न्यायालयों, कर-करेत्तर व चकबंदी मामलों की प्रगति की गहन समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि विभागीय ग्रेडिंग में सुधार नहीं हुआ तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी समझें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
बैठक में जिलाधिकारी ने धारा-24 और धारा-34 के अंतर्गत लंबित वादों को युद्धस्तर पर अभियान चलाकर शीघ्र निस्तारित कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही धारा-67, 80, 116 व सीमांकन सहित अन्य राजस्व वादों की पेंडेंसी समाप्त करने के लिए भी कड़े निर्देश दिए गए। न्याय पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर भूमि पैमाइश के माध्यम से मामलों का त्वरित निस्तारण कराने को कहा गया।
निर्विवाद वरासत के मामलों को प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को तत्काल निस्तारण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इन कार्यों की तहसीलवार निगरानी एडीएम स्तर पर कराने का निर्देश भी दिया।
आईजीआरएस पोर्टल पर लंबित जनशिकायतों के शीघ्र निस्तारण, ई-परवाना को पूरी तरह ऑनलाइन जारी करने तथा भू-माफियाओं की पहचान कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कराने पर भी विशेष जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने चकबंदी न्यायालयों में लंबित मामलों के प्रति अधिकारियों की गंभीरता की अपेक्षा जताई।
राजस्व वसूली के संदर्भ में जिलाधिकारी ने आबकारी विभाग की प्रगति की सराहना की जबकि सेल टैक्स और स्टाम्प शुल्क विभागों की धीमी प्रगति पर नाराजगीयू जताई। तहसील सदर और पिंडरा के तहसीलदारों को सख्त फटकार लगाते हुए शीघ्र सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्ट्रेट के पटल सहायकों को चेतावनी दी कि कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर उनका वेतन रोका जाएगा।
बैठक में अवैध अतिक्रमण, चकमार्ग और सार्वजनिक संपत्तियों, तालाबों, कृषि भूमि, आवासीय भूखंडों, सीलिंग की जमीन, वृक्षारोपण, क्रॉप कटिंग, मत्स्य पालन पट्टे, ऑनलाइन भूमि बंधक, स्वामित्व योजना, खसरा-खतौनी और रिट याचिकाओं के निस्तारण की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व वंदिता श्रीवास्तव, एडीएम सिटी आलोक वर्मा, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, सभी एसडीएम, तहसीलदार और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने अंत में स्पष्ट किया कि राजस्व व्यवस्था में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।