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वाराणसी

छठ महापर्व: 84 घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचेंगी व्रती महिलाएं

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वाराणसी। सूर्य षष्ठी के लोकपर्व छठ के अवसर पर बुधवार शाम घाटों पर दीप जलाकर महिलाओं ने एक-दूसरे की मांग में सिंदूर लगाया और खरना का प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ किया। आज, छठ महापर्व के दूसरे दिन, व्रती महिलाएं वाराणसी के 84 घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंचेंगी।

घाटों पर सजे दीपों की रौशनी और छठ माता के लोकगीतों से वातावरण गूंज उठा है। इस अवसर पर महिलाएं घरों में ठेकुआ और अन्य पकवान बनाकर पूजा की तैयारी कर रही हैं। वहीं, वाराणसी में लाखों श्रद्धालु गंगा के किनारे पहुंचने के लिए उत्साहित हैं।

सुरक्षा व्यवस्था के विशेष इंतजाम

छठ महापर्व के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए हैं। गंगा किनारे बेरीकेटिंग की गई है और प्रमुख घाटों पर एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें तैनात की गई हैं। पुलिस कमिश्नर ने घाटों की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और सभी घाटों पर सुरक्षा को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं।

कमिश्नर ने अधिकारियों से की अपील

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पुलिस कमिश्नर ने कहा कि छठ पूजा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना चाहिए। महापौर अशोक तिवारी, मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा और जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने भी घाटों की तैयारियों का जायजा लिया। अधिकारियों ने सभी घाटों पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और शुद्ध पेयजल के समुचित प्रबंध की दिशा में जरूरी निर्देश दिए। इसके अलावा, महिलाओं की सुरक्षा, चेंजिंग रूम और शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।

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