वाराणसी
चुनावी रंजिश के मामले में 10 छात्र नेता दोषमुक्त
जानलेवा हमले के आरोपी को मिली जमानत
वाराणसी। यूपी कॉलेज में चुनावी रंजिश के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने पूर्व महामंत्री, पूर्व उपाध्यक्ष समेत 10 छात्र नेताओं को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। वहीं, जानलेवा हमले के मामले में आरोपी अरुण कुमार दुबे को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रवींद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत से जमानत मिली है।
चुनावी रंजिश में मारपीट का मामला
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रत्याशी समीर सिंह ने 17 मार्च 2021 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद शाम 4 बजे वे विजयी महामंत्री शिवम सिंह को बधाई देने टकटकपुर जा रहे थे। उनके साथ दुष्यंत सिंह और रिशु सिंह भी थे। तभी रास्ते में प्रतीक सिंह परमार, शिवम सिंह बाबू, सचिन सिंह बिसेन, वीरेंद्र प्रताप रघुवंशी, शानू सिंह, श्रेष्ठ सोनकर, रवि प्रकाश चंदन, विकास राय, अर्जुन सिंह, विवेकानंद सिंह समेत अन्य लोगों ने लाठी, डंडे और असलहों से लैस होकर उन पर हमला कर दिया। फायरिंग का भी आरोप लगाया गया था।
मामले में अदालत ने विचारण के दौरान पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। अदालत ने प्रतीक सिंह परमार, शिवम सिंह बाबू, सचिन सिंह बिसेन, वीरेंद्र प्रताप रघुवंशी, शानू सिंह, श्रेष्ठ सोनकर, रवि प्रकाश चंदन, विकास राय, अर्जुन सिंह और विवेकानंद सिंह को दोषमुक्त कर दिया।
जानलेवा हमले के आरोपी को मिली जमानत
एक अन्य मामले में जानलेवा हमले के आरोपी अरुण कुमार दुबे को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) की अदालत से जमानत मिल गई है। वादी विजय कुमार पांडेय ने फूलपुर थाने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया था कि 30 मार्च 2024 को वे अपने पिता रविंद्र कुमार पांडेय के साथ बाइक से एसडीएम पिंडरा के कार्यालय से लौट रहे थे। रास्ते में कैथोली गांव के पास एक कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। अदालत ने आरोपी अरुण कुमार दुबे को एक-एक लाख रुपये के दो जमानत और बंधपत्र प्रस्तुत करने पर रिहा करने का आदेश दिया है।