वाराणसी
चर्चित संवासनी कांड: आरोपी सांसद रणदीप सिंह सूरजेवाला को स्पष्ट प्रति प्राप्त कराने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी। चर्चित संवासनी कांड में राज्य सांसद रणदीप सिंह सूरजेवाला द्वारा प्रस्तुत याचिका उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनू सिंधवी ने इस आशय की प्रस्तुत की, वाराणसी में हुए वर्षो पूर्व संवासनी कांड हुए युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित आयुक्त कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन के दौरान तोडफ़ोड़ में सांसद रणदीप सिंह सूरजेवाला सहित सैकड़ों कांग्रेसियों के विरुद्ध मुकदमे थाना कैंट में दर्ज किये गये थें और सांसद रणदीप सिंह सूरजेवाला समेत सैकड़ों कांग्रेसी जमानत पर रिहा हुए। अपने बहस के दौरान अभिषेक मनू सिंधवी ने बताया कि वाराणसी में 25 वर्ष पूर्व इस घटना में रणदीप सिंह सूरजेवाला का घटना स्थल पर अपराध का कोई भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सूरजेवाला के विरुद्ध आरोप विचरित न किया जाये। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर संज्ञान लेतें हुए यह कहा कि याचिका में प्रस्तुत संलग्न आरोपपत्र व प्राथमिकी की प्रति अत्यंत धुंधली व फटा पुराना है जिसको स्पष्ट रूप से पढ़ा नहीं जा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए कोर्ट वाराणसी को निर्देश दिया है की स्पष्ट आरोपपत्र व प्राथमिकी की प्रति जिसको पढा जा सके। उसको तत्काल याची को उपलब्ध कराये। जिससे आरोपपत्र के विरुद्ध आपत्ति याची लिखित रूप से माननीय न्यायालय के समक्ष लिखित रूप से प्रस्तुत करे, जिसपर उपरोक्त उच्चतम न्यायालय की सत्य प्रमाणित प्रतिलिपि प्रार्थनापत्र के साथ प्रस्तुत करते हुए रणदीप सिंह सूरजेवाला के अधिवक्ता संजीव वर्मा ने न्यायालय से स्पष्ट प्रति उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। जिसे न्यायालय ने स्पष्ट प्रति टाइप शुदा की प्रति 18 मई 2023 को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा ने बताया कि स्पष्ट प्रति प्राप्त होने पर पुनः उच्चतम न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनू सिंधवी द्वारा प्रस्तुत की जायेगी।
