चन्दौली
चंदौली का अनोखा मंदिर जहां हर रोज आरती में शामिल होते हैं दो भक्त श्वान

चंदौली। जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (पीडीडीयू नगर) में एक 128 वर्ष पुराना मंदिर है, जहां इंसानों के साथ दो श्वान (कुत्ते) भी भगवान की भक्ति में लीन नजर आते हैं। हर सुबह और शाम जब मंदिर में आरती होती है, तब ये दोनों श्वान न सिर्फ वहां उपस्थित रहते हैं बल्कि घंटी बजते ही “ॐ” की ध्वनि में अपनी आवाज़ मिलाते हैं।
यह अनोखा मंदिर मस्त लॉज गली में स्थित है, जिसमें प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित है। ठीक सामने गली के दूसरी ओर हनुमान जी, गणेश जी और भोलेनाथ का भी एक मंदिर है। इनका निर्माण वर्ष 1897 में स्वर्गीय मोधुराम चौरसिया की स्मृति में उनकी धर्मपत्नी सोनिया देवी ने करवाया था। बाद में 1976 में बेचन राम चौरसिया ने इसका जीर्णोद्धार कराया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले इन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती थी, लेकिन समय के साथ अन्य मंदिरों के निर्माण के कारण यहां श्रद्धालुओं की संख्या थोड़ी कम हो गई। बावजूद इसके, आज भी लोग दर्शन और पूजा के लिए यहां आते हैं। मंदिर की देखरेख चौरसिया परिवार करता है, और समाजसेवी महंत भागवत नारायण चौरसिया पूजा-अर्चना की जिम्मेदारी निभाते हैं।
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि जब भी पूजा का समय होता है, ये दोनों श्वान बिना किसी देरी के मंदिर पहुंच जाते हैं। आरती शुरू होते ही जब घंटी और शंख ध्वनि गूंजती है, तो वे “ॐ” का उच्चारण करने लगते हैं। उनकी भक्ति का आलम यह है कि यदि पूजा में देरी हो जाए, तो वे महंत के घर जाकर जोर-जोर से भौंककर उन्हें बुलाते हैं और तब तक नहीं हटते जब तक पूजा शुरू न हो जाए।
स्थानीय लोगों का मानना है कि ये दोनों श्वान पूर्व जन्म में भगवान के भक्त या साधु-संत रहे होंगे, जो इस जन्म में भी अपनी भक्ति को नहीं छोड़ पाए। महंत भागवत नारायण चौरसिया भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि ये श्वान भगवान के सच्चे भक्त हैं और मंदिर की नियमित आरती में शामिल होकर अद्भुत आस्था का परिचय देते हैं। इनकी भक्ति की कहानी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।