गाजीपुर
गौशाला बनी संक्रमण का केंद्र, दुर्गंध से ग्रामीणों का जीना मुश्किल

गाजीपुर। जलालाबाद गांव स्थित गौशाला की हालत दिनों-दिन बदतर होती जा रही है। यहां मृत पशुओं के शवों को खुले में फेंक दिया जा रहा है, जिससे चारों तरफ़ भयंकर दुर्गंध फैल रही है और आसपास रहने वाले ग्रामीणों का जीवन नारकीय बन गया है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि खुले में फेंके गए शवों के कारण इलाके में सांस लेना मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा असर पास के क्रिकेट ग्राउंड में खेलने वाले बच्चों पर पड़ रहा है। क्रिकेट कोच अरुण चौहान के अनुसार, कई बच्चे इन दिनों बीमारी की चपेट में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि मैदान में मृत पशुओं की हड्डियां तक पाई गई हैं, जो बच्चों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं।
अधिकारियों में जिम्मेदारी को लेकर टालमटोल
इस संबंध में पशु चिकित्सा अधिकारी जखनिया ने स्थिति को गंभीर बताते हुए ग्राम प्रधान की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, गौशाला की निगरानी कर रहे ग्राम सचिव यशवंत सिंह यादव ने आरोपों की गेंद केयर टेकर के पाले में डाल दी है।
ग्रामवासियों का कहना है कि गौशाला के आसपास की स्थिति इतनी खराब है कि कोई व्यक्ति वहां एक मिनट भी खड़ा नहीं रह सकता। खुले में फेंके गए शवों को आवारा कुत्ते नोच-नोचकर खा रहे हैं, जिससे और भी भयावह दृश्य सामने आ रहे हैं।
प्रशासन बना है मूकदर्शक
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। हालात यह हैं कि गौशाला के आसपास रहने वाले हजारों लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि तत्काल प्रभाव से गौशाला में साफ-सफाई और शवों के वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण की व्यवस्था की जाए। साथ ही, जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
अब देखना यह है कि ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या पर प्रशासन कब जागता है और क्या कोई ठोस कदम उठाया जाता है या नहीं।