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अपराध

गैरइरादतन हत्या के मामले में पुत्र को 10 वर्ष की सजा

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आजमगढ़ के बिलरियागंज थाना क्षेत्र में छह साल पहले मामूली विवाद के चलते पिता की गैरइरादतन हत्या के मामले में अदालत ने बेटे को दस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

हालांकि, इस मामले में बहू को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। यह फैसला बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-3 जैनेंद्र मोड़ कुमार पांडेय ने सुनाया। घटना 21 जुलाई 2018 की है, जब शांतिपुर कली पथरपुरवा गांव में जगपतराम का अपने बेटे रामजतन और बहू सविता से विवाद हो गया था।

रामजतन और सविता ने लाठी-डंडों से जगपतराम की बुरी तरह पिटाई की और उसे घर में बंद कर बाहर चले गए। अगले दिन जब जगपतराम के दूसरे बेटे रामबचन ने दरवाजा खोला, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। अदालत ने बेटे रामजतन को दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाई, जबकि बहू सविता को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

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