वाराणसी
गैंगरेप कांड में एसआईटी ने शुरू की जांच, सोशल मीडिया भी रडार पर

12 स्थानों के सीसीटीवी फुटेज और इंस्टाग्राम चैट खंगाले जाएंगे
वाराणसी में चर्चित गैंगरेप प्रकरण ने नया मोड़ ले लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। शुक्रवार से एसआईटी ने जांच की औपचारिक शुरुआत कर दी है। जांच का नेतृत्व डीसीपी वरुणा/क्राइम प्रमोद कुमार कर रहे हैं।
गंभीरता से जुटेगी डिजिटल साक्ष्य
एसआईटी कमांड सेंटर की मदद से संबंधित 12 स्थानों के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित किए जाएंगे। इसके साथ ही पीड़िता के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और इंस्टाग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया चैट्स की भी जांच की जाएगी। स्वतंत्र गवाहों को भी शपथ-पत्र के साथ जांच में शामिल किया जाएगा।

29 मार्च से 3 अप्रैल तक की गतिविधियां खंगालने की तैयारी
एफआईआर के अनुसार युवती की मां ने 12 नामजद और 11 अज्ञात लोगों पर आरोप लगाया है। इन तारीखों के बीच पीड़िता को वाराणसी के विभिन्न इलाकों जैसे लंका, हुकुलगंज, नदेसर, सिगरा आईपी मॉल, अस्सी घाट, चौकाघाट, औरंगाबाद और दो होटलों के बाहर छोड़ा गया था। इस दौरान वह दो बार अपनी एक सहेली के घर भी गई थी।
लापरवाही में घिरी लालपुर-पांडेयपुर पुलिस
सूत्रों के अनुसार 4 अप्रैल को जब युवती बरामद हुई थी, तब उसने परिजनों के खिलाफ ही शिकायत की थी। बावजूद इसके, न तो उसका बयान कैमरे पर दर्ज किया गया, न मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। वन स्टॉप सेंटर भेजने की प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। उल्टा थाने में ही परिजनों के साथ समझौता करवा दिया गया। अगले दिन युवती ने सामूहिक दुष्कर्म की लिखित शिकायत दी।
11 अप्रैल को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस आये थे तब उन्होंने इस घटना की पूरी जानकारी पुलिस आयुक्त से ली थी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था। अब मामला तूल पकड़ने के बाद एसआईटी जांच में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। पीड़िता की सहेली का बयान, विशेषज्ञ चिकित्सकों से मेडिकल रिपोर्ट की समीक्षा और डिजिटल साक्ष्यों की पुष्टि के जरिए केस को आगे बढ़ाया जा रहा है।