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गाजीपुर

गाजीपुर में विश्वविद्यालय की मांग पर छात्रों का संघर्ष तेज, मंच अध्यक्ष नजरबंद

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गाजीपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गाजीपुर आगमन से ठीक पहले जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को लेकर छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में उबाल देखने को मिला। इसी क्रम में विश्वविद्यालय निर्माण मंच के अध्यक्ष व पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय को सोमवार को नजरबंद किए जाने पर छात्र समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया है।

दीपक उपाध्याय ने अपनी नजरबंदी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री जी के आगमन से पहले मुझे घर में नजरबंद करना लोकतंत्र का अपमान है। यह कदम विश्वविद्यालय जैसी शैक्षिक मांग को दबाने की तानाशाही कोशिश है। गाजीपुर में 364 से अधिक महाविद्यालय हैं, फिर भी आज तक एक भी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं हो सकी है। यह ‘एक जनपद-एक विश्वविद्यालय’ नीति का सीधा उल्लंघन है।”

जनप्रतिनिधियों से भावुक अपील

दीपक उपाध्याय ने जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा, “यदि हमें लोकतांत्रिक मांग उठाने के लिए अपराधी ठहराया गया है, तो आप लोग—जो मुख्यमंत्री जी के साथ बैठक में शामिल होंगे—कम से कम गाजीपुर की इस सबसे बड़ी मांग को उनके सामने जरूर रखें।”

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उन्होंने कहा कि यह संघर्ष न किसी पार्टी का है, न किसी संस्था का, बल्कि गाजीपुर के हर छात्र, हर अभिभावक और हर नागरिक का है।

छात्रों और मंच की कड़ी निंदा

विश्वविद्यालय निर्माण मंच और जिले के छात्र संगठनों ने दीपक उपाध्याय की नजरबंदी को अलोकतांत्रिक और दमनात्मक करार देते हुए कड़ी निंदा की है। मंच की ओर से मुख्यमंत्री से इस मामले का संज्ञान लेने और गाजीपुर में विश्वविद्यालय की शीघ्र घोषणा करने की मांग की गई है।

घोषणा तक जारी रहेगा आंदोलन

दीपक उपाध्याय ने स्पष्ट कहा है कि जब तक गाजीपुर को उसका विश्वविद्यालय नहीं मिल जाता, यह संघर्ष शांत नहीं होगा। उन्होंने सभी छात्रों से लोकतांत्रिक और अहिंसात्मक तरीके से इस मुहिम को जारी रखने की अपील की।

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