गाजीपुर
खाजेपुर दलित बस्ती का चकरोड 16 वर्षों से अधूरा

बरसात में कीचड़ से ग्रामीण बेहाल
गाजीपुर। जिले के बहरियाबाद क्षेत्र के ग्राम सभा खाजेपुर स्थित दलित बस्ती को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाला चकरोड आज तक निर्माण की राह देख रहा है। बीते 16 वर्षों से अधूरी पड़ी यह सड़क प्रशासनिक उदासीनता और सिस्टम की खामियों की पोल खोल रही है।
बहरियाबाद पानी टंकी से परमानपुर की ओर जाने वाली मुख्य सड़क से निकलकर यह चकरोड जोखू चौहान के मकान के सामने से होकर रामधनी राम के घर तक पहुँचती है। लगभग ढाई सौ मीटर लंबा यह रास्ता पूरी दलित बस्ती का जीवन मार्ग है, जिस पर ग्रामीणों का रोज़मर्रा का आना-जाना बना रहता है।
स्थानीय लोगों ने पहले पूर्व ग्राम प्रधान से बार-बार सड़क निर्माण की मांग की, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई। अब वर्तमान ग्राम प्रधान से भी कई बार आग्रह करने के बावजूद यह रास्ता अब तक अधूरा है। बरसात के दिनों में यह चकरोड कीचड़ से लथपथ होकर ग्रामीणों के लिए बड़ी परेशानी बन जाता है, जिससे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
शिकायतों के बाद भी नहीं मिला समाधान
रास्ते के निर्माण को लेकर 21 मार्च 2025 को रामधनी राम और 5 मई 2025 को राजनाथ राम ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अधिकारियों द्वारा मौके पर कोई निरीक्षण नहीं किया गया। उल्टा शिकायत का निस्तारण बिना सत्यापन के यह लिखकर कर दिया गया कि “प्रकरण ग्राम सभा खाजेपुर का नहीं है”।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि हेल्पलाइन पर गलत गवाहों के नाम और फोन नंबर दर्ज कर जवाबी रिपोर्ट लगा दी गई, जिससे असल समस्या पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
प्रशासन से नाराज ग्रामीणों की मांग
इस लापरवाही से नाराज़ दलित बस्ती के रामधनी, श्याम नारायण, राम नारायण, राजनाथ, राजेंद्र, योगेंद्र, आनंद कुमार, सुदर्शन, अभय कुमार, अशरफ शाह समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासन से बरसात से पहले सड़क पर खड़ंजा या इंटरलॉकिंग कराने की माँग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह चकरोड न केवल बस्ती को जोड़ता है बल्कि आसपास के गांवों के लिए भी संपर्क मार्ग का कार्य करता है। ऐसे में इसका निर्माण प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए ताकि आम लोगों को खेतों तक पहुँचने और आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
अब देखना यह है कि वर्षों से उपेक्षित इस चकरोड पर शासन-प्रशासन कब जागता है और दलित बस्ती को आने वाली बरसात से पहले राहत मिल पाती है या नहीं।