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कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद : उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सर्वोच्च न्यायालय से खारिज
सर्वोच्च न्यायालय ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह भूमि विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका को निरर्थक बताते हुए खारिज करने की बात कही तो याचिकाकर्ता ने अर्जियां वापस ले लीं। उस आदेश में हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल दो मुकदमों में मस्जिद समिति के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था।
दरअसल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में दाखिल दो याचिकाओं पर एक पक्षीय आदेश जारी किया था क्योंकि मुस्लिम पक्ष इस मामले में नोटिस का जवाब लेकर न्यायालय के सामने नहीं आया था। हालांकि उच्च न्यायालय ने जवाब की जानकारी मिलने के बाद अपना एकपक्षीय आदेश री-कॉल यानी वापस कर लिया था। अदालत ने कहा कि जब ऑर्डर को उच्च न्यायालय ने ही री-कॉल कर लिया है तो इस अपील का अब क्या मतलब रह जाता है ? याचिका अर्थहीन हो गई है।
बता दें कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद के 13.37 एकड़ जमीन को लेकर विवाद है। करीब 11 एकड़ पर मंदिर है और 2.37 एकड़ जमीन पर मस्जिद है। इस मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने 1669-70 में कराया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि इसके कोई सबूत मौजूद नहीं हैं कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण एक मंदिर को तोड़कर कराया गया था।
शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी है कि ईदगाह मस्जिद की संरचना पर दावा करने वाले हिंदू भक्तों द्वारा दायर याचिकाएं पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत वर्जित हैं। इसी मामले में उच्च न्यायालय के एक आदेेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सर्वोच्च न्यायालय गया था। हिन्दू पक्ष ने यह आपत्ति उठाई कि मुस्लिम पक्ष हर आदेश के खिलाफ अपील लेकर सीधे सर्वोच्च न्यायालय आ जाता है।