मिर्ज़ापुर
कृमि मुक्ति अभियान: 10 फरवरी को 13 लाख बच्चों को खिलायी जायेगी एलबेंडाजोल की दवा

मिर्जापुर। बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जिले में 10 फरवरी 2025 को कृमि मुक्ति अभियान चलाएगा। इस अभियान का उद्देश्य 1 महीने से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़ों से बचाने वाली दवा एलबेंडाजोल खिलाना है। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. छोटेलाल वर्मा ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 13 लाख बच्चों को इस अभियान के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। जिसमें सरकारी और निजी विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, ईंट भट्ठे और मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चे विशेष रूप से चिन्हित है। इस कार्य को स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास विभाग के कर्मचारी मिलकर अंजाम देंगे।
14 फरवरी को होगा फॉलो-अप अभियान
डॉ. छोटेलाल वर्मा ने बताया कि जो बच्चे किसी कारणवश 10 फरवरी को दवा लेने से छूट जाएंगे, उनके लिए 14 फरवरी को फॉलो-अप अभियान चलाया जाएगा ताकि कोई भी बच्चा छूटने न पाए।
नोडल अधिकारी डॉ. वी.के. भारती ने बताया कि कृमि मुक्ति अभियान जिले में वर्ष में दो बार चलाया जाता है। पिछले अभियान में लगभग 11 लाख बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा दी गई थी। इस बार स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास परियोजना सेवा, और पुष्टाहार विभाग आपसी समन्वय से कार्य करेंगे।
एलबेंडाजोल का उपयोग और खुराक
1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली पीसकर साफ पानी के साथ दी जाएगी।
2 से 3 वर्ष के बच्चों को एक पूरी गोली पीसकर दी जाएगी।
3 से 19 वर्ष के बच्चों को दवा चबा-चबाकर खाने की सलाह दी गई है।
शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि बच्चों को घर से कुछ खाकर स्कूल भेजा जाए। इस विषय में अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा।
कृमि संक्रमण के दुष्प्रभाव
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. राकेश तिवारी ने बताया कि कृमि संक्रमण बच्चों में कुपोषण और खून की कमी का मुख्य कारण है। इससे बच्चे थकावट महसूस करते हैं और उनके शारीरिक व मानसिक विकास में बाधा आती है।
डॉ. राकेश तिवारी ने कहा कि कृमि संक्रमण से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां अपनानी चाहिए:
1. खाना खाने से पहले हाथ साबुन से धोएं।
2. आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखें।
3. बच्चों को साफ और स्वस्थ वातावरण में रखें।