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मऊ

कुशाल की पुस्तक बनी प्रेरणा स्रोत

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ग्रामीण प्रतिभा की मिसाल, कुशाल की किताब बनी प्रेरणा स्रोत

ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं होती, बस जरूरत होती है उन्हें सही दिशा देने की। इसी बात को साबित किया है 14 वर्षीय कुशाल गुप्ता ने, जो कक्षा 8 के छात्र हैं। दोहरीघाट, मऊ के रहने वाले कुशाल ने अपनी पहली पुस्तक “इनसाइड फॉर लिविंग लाइफ विद वर्थ” लिखी है। 113 पृष्ठों की इस पुस्तक ने न सिर्फ उनकी प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि समाज में प्रेरणा का संदेश भी दिया।

कुशाल बताते हैं कि उन्हें इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा अपने नाना सत्यनाम गुप्ता से मिली, जो एक अवकाश प्राप्त शिक्षक हैं। वहीं, उनके बाबा प्रेमचंद गुप्ता ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए ऊर्जा दी। इस पुस्तक को पूरा करने में उन्हें करीब दो साल का समय लगा।

उनका मानना है कि जीवन को सार्थक बनाने के लिए आत्म-मूल्य की पहचान और गहरी अंतर्दृष्टि जरूरी है। यह पुस्तक युवाओं को अपने भीतर छिपी संभावनाओं को पहचानने और जीवन को समझने में मदद करेगी। इसमें मानसिक और भावनात्मक विकास के साथ-साथ सफलता प्राप्त करने के व्यवहारिक तरीकों पर जोर दिया गया है।

कुशाल की इस उपलब्धि से स्थानीय लोग बेहद प्रभावित हुए हैं। उनकी पुस्तक बाजार में उपलब्ध है और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है। ग्रामीण क्षेत्र में इतनी कम उम्र में इस तरह की पहल बेहद सराहनीय है।

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कुशाल की मेहनत और लगन न सिर्फ उनकी सफलता की कहानी बयां करती है, बल्कि अन्य युवाओं को भी अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करती है।

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