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वाराणसी

काशी के पौराणिक महत्व के पंचकोशी मार्ग पर स्थित शिवपुर तालाब को पाटकर भू-माफियाओं के द्वारा कब्जा किये जाने के विरोध में नगर आयुक्त को ज्ञापन सौपा

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वाराणसी:जिला /महानगर कांग्रेस कमेटी के पादाधिकारियों एवम पार्षद दल के नेताओ का एक प्रतिनिधि मंडल आज नगर निगम मुख्यालय पहुँच कर नगर आयुक्त अक्षत वर्मा जी को शिवपुर तालाब को भू माफियाओं द्वारा पाट कर कब्जा किये जाने के सम्बन्ध में विस्तार से उन्हे अवगत कराते हुए संलग्नक दस्तावेजों के साथ उन्हें सामूहिक हस्ताक्षर उक्त ज्ञापन सौंपाl

ज्ञापन सौंप कर नेताओ ने कहा कि काशी पंचकोसी परिक्रमा के चौथे पड़ाव के रूप में मशहूर शिवपुर पंचकोशी मार्ग स्थित ऐतिहासिक महत्व के धार्मिक तालाब (जिसका अराजी नं० 69 मौजा एवं परगना शिवपुर तहसील सदर वाराणसी ) इस तालाब पर जहां माता जिउतिया का पूजन एवं प्रसिद्ध प्याला का मेला लगता था वही पंचकोसी परिक्रमा करने वाले यात्री खाना बनाकर, खाकर , वही विश्राम करके पुनः अपने अगले पड़ाव को प्रस्थान करते थेl यह तालाब सैकड़ो पेड़ों से आच्छादित था, तालाब में तमाम जलचर जीव जंतु थे, पशु /पक्षियों का घरौंदा हुआ करता था, आस पास के पुराने लोग बताते है कि कभी यहां साइबेरियन पंछी भी आती थी, वर्ष पर्यंत यह तालाब जल से भरा रहता थाl

ऐसे जीवंत सार्वजनिक तालाब को पहले अवैध कबजेदारों ने धारा 229 B. कराकर भ्रष्ट अधिकारियों /कर्मचारियों की मिली भगत से अपना नाम कपट पूर्वक दर्ज कराकर जब उसे मिट्टी डालकर पाटा जाने लगा तो आस पास के क्षेत्रीय नागरिकों ने इसका पुरजोर विरोध कियाl

यह मामला सड़क से लेकर नगर निगम सदन तक उठाया गया , जन – आंदोलन के तहत कई बार धरना – प्रदर्शन हुए मामला जिला प्रशासन, उत्तर प्रदेश शासन के संज्ञान में लाया गया, परंतु भू माफियाओं ने पुनः भ्रष्ट्र अधिकारियों / कर्मचारियों की मिली भगत से नगर निगम वाराणसी द्वारा तालाब की भूमि पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करा लिया एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा भू – विन्यास मानचित्र भी स्वीकृत कराने में वह सफल हो गएl

इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद का दरवाजा खटखटाया गयाl जहाँ याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर वाराणसी मंडल के तत्कालीन मंडल आयुक्त द्वारा गठित जिलाधिकारी वाराणसी, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण वाराणसी, नगर आयुक्त नगर निगम वाराणसी एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) की चार सदस्यीय समिति से मौके एवम अभिलेखों की जांच कराई गईl

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जांच के बाद समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सन 1291 फसली (यानी सन 1883- 84) में गाटा संख्या 69 तालाब के रूप में दर्ज था, इससे यह प्रतीत होता है उक्त गाटे पर उपर्युक्त व्यक्तियों ने दिनांक 23/1/1990 को प्रश्नगत आदेश पारित होने के पूर्व अभिलेखों में अपना नाम कपट पूर्वक दर्ज करा लिया है अतः इसे निरस्त कर पुनः तालाब के रूप में दर्ज किया जाना आवश्यक हैl

जांच समिति ने आगे कहा कि प्रश्नगत गाटा संख्या तालाब की भूमि है अतः इसका स्वरूप किसी भी दशा में परिवर्तित नहीं किया जा सकता हैl तत्कालीन सहायक कलेक्टर (प्रथम श्रेणी) अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय वाराणसी द्वारा 23 जनवरी 1990को पारित उक्त निर्णय उनके क्षेत्राधिकार के परे है यह जांच रिपोर्ट 26 मई 2006 की है जिसे सभी अधिकारियों से हस्ताक्षरित होकर मंडल- आयुक्त को प्रेषित किया गया थाl

इसके बाद नगर निगम द्वारा अपने राजस्व अभिलेख में तालाब दर्ज करने के पश्चात पूर्व में जारी अनापत्ति प्रमाण (NOC) पत्र एवं विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत मानचित्र को भी निरस्त कर दिया गयाl

इस सार्वजनिक तालाब को पाट कर उसके स्वरूप को परिवर्तित करने वालों के खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी वीणा के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी वाराणसी की ओर से मेसर्स अलका कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एवं अन्य अवैध कब्ज्जेदारो के खिलाफ शिवपुर थाना में दिनांक 20/4/2008 को FIR भी दर्ज कराई l

सन 2002 से अनवरत जारी संघर्ष की ही उपलब्धि रही है कि तत्कालीन मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण के निर्देश पर पाटे गए तालाब पर दो-दो जेसीबी लगाकर खुदाई( खनन) का कार्य प्रारंभ कराया गया , परंतु राजनीतिक हस्तक्षेप से खुदाई का कार्य अचानक बीच में ही रोक दी गई?

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यह तालाब नगर निगम वाराणसी की 63 तालाबों की सूची में 31वे में नंबर पर अंकित है

नगर निगम की संपत्ति रजिस्टर में भी यह तालाब दर्ज है साथ ही

यह तालाब बंदोबस्त के नक्शे में भी अंकित है जन – विरोध के फल स्वरुप अवैध कबजेदारों ने इस तालाब को मिट्टी से पाट अवश्य दिया है परंतु उस पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य अभी तक नहीं हो पाया हैl

इस सार्वजनिक तालाब को भूमाफियाओं ने भारी लाभ कमाने के जीस नापाक इरादे से तालाब को पाटकर उसे पर कब्जा कर करने का मंसूबा पाल रखे है उसे कभी पूरा नहीं होने दिया जायेगाl

लगभग 22 वर्षों से संघर्षरत पूर्व पार्षद डॉ जितेंद्र सेठ ने कहा कि पौराणिक धार्मिक महत्व के उक्त तालाब को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के साथ ही पुनः एक खूबसूरत जलाशय (तालाब) का निर्माण (रीस्टोरेशन आफ वॉटर बॉडी) की मांग की हैl

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यह तालाब नगर निगम वाराणसी सीमा के अंतर्गत आता है एवम नगर निगम की संपत्ति है यह तालाब 63 तालाबों की सूची मे सूचीबद्ध हैं, जहाँ नगर निगम का बोर्ड भी लगा हुआ हैl तालाब को बचाने एवम उसके संरक्षण की संपूर्ण जिम्मेदारी नगर निगम की है उसे आगे बड़कर अतिशीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए l

प्रतिनिधि मंडल ने इस महत्पूर्ण पर्यावर्णीय, धार्मिक एवम सामाजिक कार्य को लछित करते हुए आराजी नं० 69 शिवपुर तालाब को भू माफियाओं से बचाने की मांग की है एवम काशी के आम जनता का आपसे यह विनम्र निवेदन है और पूर्ण विश्वाश है कि इस पर सकारात्मक त्वरीत कार्यवाही होगीl

ज्ञापन पर नगर आयुक्त ने गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए अतिशीघ्र कार्यवाही का आश्वाशन दियाl

प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से राजेश्वर सिंह पटेल जिलाध्यक्ष, राघवेंद्र चौबे महानगर अध्यक्ष, गुलशन अंसारी नेता सदन पार्षद दल, प्रो० अनिल उपाध्याय, डॉ उमापति उपाध्याय, डॉ०जितेंद्र सेठ पूर्व पार्षद, प्रमोद श्रीवास्तव, गणेश शंकर पांडे, डॉ राजेश गुप्ता,राम श्रृंगार पटेल, विनोद सिंह कल्लू, पार्षद गण बेलाल अंसारी, असलम खान, अनिसुर रहमान अंसारी, हाजी वोकास अंसारी, अरसद लड्डु, दिलीप चौबे, पंकज चौबे, राकेश चंद्र शर्मा, अब्दुल हमीद डोडे,सुभाष राम, सतनाम सिंह, प्रमोद वर्मा, सुशील सिंह बच्चा, निमेष चंद्र गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद जयसवाल, वैभब त्रिपाठी,राजेश त्रिपाठी, देवेंद्र सिंह, ब्रह्मदत्त त्रिपाठी,गोपाल पटेल, मो ० इस्लाम, कल्पनाथ शर्मा, पारस नाथ यादव, आशीष केशरी,मो० ओजैर, मनोज यादव,ओम शुक्ला, विजय सिंह बागी, रामजी गुप्ता,सहित अन्य कांग्रेस जन उपस्थित रहेl

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