वाराणसी
करोड़ों की धोखाधड़ी में कंपनी डायरेक्टर पर मुकदमा दर्ज
700 एजेंटों के जरिये किया करोड़ों का घोटाला
वाराणसी के सिगरा स्थित एक चिटफंड कंपनी के खिलाफ रविवार को एक और मामला दर्ज किया गया। इस बार कंपनी के डायरेक्टर समेत मुख्य अधिकारियों को नामजद किया गया है, जबकि अन्य कर्मचारियों को अज्ञात में शामिल किया गया है। कंपनी पर चार साल में दोगुनी रकम का झांसा देकर करोड़ों रुपये निवेश कराने का आरोप है। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसने 1.35 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसके दस्तावेज भी पेश किए गए हैं।
700 एजेंटों के जरिए किया करोड़ों का घोटाला
सिगरा क्षेत्र में “एलयूसीसी द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट को-ऑपरेशन सोसाइटी” नामक कंपनी का दफ्तर था, जिसका मुख्यालय गाजियाबाद में बताया गया। कंपनी ने करीब 700 एजेंटों के माध्यम से वाराणसी और आसपास के जिलों में हजारों लोगों से निवेश कराया।
कंपनी ने निवेशकों को चार से पांच साल में उनकी रकम दोगुनी करने का वादा किया। एजेंटों को मोटा कमीशन दिया गया, जिससे कई लोगों ने अपने परिचितों और रिश्तेदारों को भी निवेश करने के लिए प्रेरित किया। चोलापुर के बहलोलपुर निवासी बाबूलाल गुप्ता ने बतौर एजेंट रिश्तेदारों और परिचितों से 1.35 करोड़ रुपये निवेश कराए थे। लेकिन कंपनी सभी का पैसा लेकर भाग गई।
सिगरा पुलिस ने गाजियाबाद की इस कंपनी और इसके प्रतिनिधियों – शबाब हुसैन, समीर अग्रवाल (नवी मुंबई), सानिया अग्रवाल (वाराणसी), संजय मुदगिल, आरके शेट्टी, अभय राय और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सिगरा थाने में अब तक इस कंपनी के खिलाफ तीन और कैंट थाने में पांच मामले दर्ज हो चुके हैं। अब तक करीब 10 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आ चुका है। पुलिस ने आरोपियों की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
