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गाजीपुर

कजरी की मधुर गूंज से रससिक्त हुआ गाजीपुर

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साहित्य चेतना समाज ने कराया यादगार आयोजन

गाजीपुर। सावन की फुहारों संग कजरी की मधुर तान से शहर का वातावरण रससिक्त हो उठा जब साहित्य चेतना समाज के ‘चेतना-प्रवाह’ कार्यक्रम के अंतर्गत बाबा जागेश्वरनाथ मंदिर, गोलाघाट में भव्य कजरी गायन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सुदृष्टि बाबा पीजी कॉलेज रानीगंज बलिया के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष सिंह ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में ऋतु और काल के अनुरूप गीत-संगीत की समृद्ध विरासत है। कजरी गायन पूर्वांचल की पहचान रही है परंतु भौतिक चकाचौंध में इसकी गूंज कमजोर पड़ती जा रही है। ऐसे आयोजन हमारी परंपरा के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।

कार्यक्रम में BSD पब्लिक स्कूल रेवतीपुर की छात्राओं ने ‘बंसिया बाज रही वृंदावन झूले कृष्णमुरारी ना’ प्रस्तुत कर मन मोह लिया। संगीत संस्थान की सुलभा पांडेय और शुभ्रा पांडेय ने ‘कजरी ना खेलब अंगनवा बिन सजनवा ए सजना’ तथा ‘छोटी ननदी के बात ना सहाई पिया, हो जाई लड़ाई पिया ना’ गाकर वाहवाही बटोरी। सुपरिचित गायक राजेश राय निराला ने ‘अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन के सारी ऐ हरि’ और राजू मौर्य ने ‘बनी गईंले झरना नयनवा ए गुइयां तोहरे करनवा ना’ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। चंदन शर्मा व्यास की प्रस्तुति ‘पिऊ पिऊ पीहूके लागल मनवा के नयनवा पिया, चढ़ते सवनवा ना’ भी सराही गई।

गंधर्व म्यूजिक एकेडमी के निदेशक विद्यानिवास पांडेय ने ‘हमके भावे नाहीं घर के तोहरे परानी पिया, बड़ी परेशानी पिया ना’ और यूपी महिला शिक्षक संघ की मंडल अध्यक्ष प्रीति सिंह ने ‘घर से चला गुजरिया झूला खेले बरसात में, कजरी गावे साथ में ना’ सुनाकर तालियां बटोरीं। राकेश कुमार ने ‘झूला पड़ गइले अमवा के डार में, सावन के बहार में ना’ तथा कुश तिवारी ने ‘मनवा भींजे मोरा रिमझिम फुहार में, सावनी बहार में ना’ प्रस्तुत कर श्रोताओं को आनंदित किया। कुसुम दूबे, लल्लन सिंह समेत अन्य कलाकारों ने भी अपने गायन से शाम को यादगार बना दिया।

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कार्यक्रम में प्रोफेसर कॉलोनी लंका की रहने वाली डॉ. अपराजिता सिंह को उनकी अद्भुत उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। इन्होंने 37 सेकंड में आवर्त सारणी का सबसे तेज पाठ कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और 1 मिनट 26 सेकंड में आवर्त सारणी चार्ट बनाकर इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया है। इसके अलावा इन्होंने लैपटॉप कीबोर्ड पर मात्र चार सेकंड में ए से जेड (स्पेस सहित) टाइप कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

कार्यक्रम का संचालन संस्था के संस्थापक अमरनाथ तिवारी अमर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संगठन सचिव प्रभाकर त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया। आयोजन में डॉ. ऋचा राय, डॉ. शिवकुमार, विपिन बिहारी राय, विष्णुप्रिया, राजीव गुप्त, अरुण तिवारी, सीमा सिंह, शैलेन्द्र तिवारी, दिलीप आर्य, सुजीत सिंह प्रिन्स, शशांक शेखर पांडेय, राजीव मिश्र, डॉ. रविनंदन वर्मा, हीरा राम गुप्ता, आनंद तिवारी, आनंद प्रकाश अग्रवाल, राजन तिवारी, अमरनाथ शर्मा, विनोद उपाध्याय, सहजानंद राय, दौलत गुप्ता, सत्य प्रकाश, प्रांशु उपाध्याय, सुधाकर पांडेय समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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