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वाराणसी

वाराणसी : 21 साल बाद पाया गया दोषी, 2500 रुपए घूस लेने का था आरोपी

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  • 5 साल की कैद और 30 हजार जुर्माना

वाराणसी : विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अवनीश गौतम की अदालत ने जूते मरम्मत और पालिश की दुकान के अनुदान देने का चेक काटने के लिए 2500 रुपए रिश्वत लेने के आरोपी बलिया के अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के तत्कलीन प्रभारी / सहायक प्रबंधक रामदुलार को दोषी पाते हुए 5 वर्ष की कड़ी कैद और 30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।

अदालत ने लोकसेवक के पद पर रहते हुए पदीय कर्तव्यों के खिलाफ 2500 रुपए रिश्वत लेने का दोषी रामदुलार को। एडीजीसी राजीव सिन्हा के अनुसार, प्रयागराज निवासी अभियुक्त ने रजवार बांसडीह बलिया निवासी वादी से पिता की कस्बे में पालिश और जूता मरम्मत की दुकान के लिए 48 हजार रुपए अनुदान का चेक काटने के लिए 6000 रिश्वत की मांग की थी। 2500 रुपए बतौर पहली किश्त देने की बात तय हुई थी। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन, वाराणसी की टीम ने 1 अक्टूबर 2001 को बलिया स्थित विकास भवन से वादी से 2500 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ रामदुलार को गिरफ्तार किया था।

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