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अपराध

जाली दस्तावेजों के सहारे हुई थी 100 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति, अब एसटीएफ करेगी गिरफ्तारी

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लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जिसमें खुद जाली सर्टिफिकेट पर शिक्षक की नौकरी करते हुए अन्य युवकों को भर्ती भी करायी है। इनमें कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जिनको 68,500 और 69,000 शिक्षकों की भर्ती में फर्जी दस्तावेज पर नौकरी दिलायी गयी है। गिरोह परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी सत्यापन भी करवाने में कामयाब थे। अब एसटीएफ प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात इन फर्जी शिक्षकों को पकड़ने की तैयारी में है।

एसटीएफ ने लखनऊ में गोमतीनगर क्षेत्र स्थित पिकप तिराहे के पास से शुक्रवार को फीरोजाबाद निवासी राम निवास उर्फ राम भइया, आगरा निवासी रविंद्र कुमार उर्फ रवि एवं गाजियाबाद निवासी संजय सिंह को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ सीओ प्रमेश कुमार शुक्ला के अनुसार गिरोह का सरगना राम निवास वर्ष 2013 में फर्जी दस्तावेजों की मदद से देवरिया के एक जूनियर हाईस्कूल स्कूल में शिक्षक भर्ती हुआ था, लेकिन बाद में त्यागपत्र दे दिया था। उसका साथी रविंद्र कुमार देवरिया के बनकटा प्राथमिक विद्यालय में फर्जी शिक्षक है। तीसरा साथी संजय सिंह दिल्ली स्थित डाटा साफ्ट कंप्यूटर सर्विसेज कंपनी में प्रोडक्शन मैनेजर है।

गिरोह की निगाह इसी वर्ष हुई टीजीटी/पीजीटी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में धांधली कराने की थी। एसटीएफ अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के लिपिक नरेंद्र कन्नौजिया समेत कई फर्जी शिक्षकों की तलाश कर रही है। सरगना राम निवास के खाते में 19 लाख रुपये फ्रीज भी कराए गए हैं।

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