अपराध
वाराणसी में लकड़-बग्घा के कंकाल की तस्करी करने वाले 5 तस्कर धराएं, 20 लाख का कंकाल बरामद
वाराणसी। अति संकटग्रस्त एवं संरक्षित जानवर लकड़-बग्घा के कंकाल (हड्डी) की तस्करी करने वाले गिरोह के 5 अभियुक्तगणों को एसटीएफ, उत्तर प्रदेश और वन विभाग के संयुक्त टीम ने सिगरा थाना क्षेत्र के बृन्दा होटल के पास रोडवेज बस स्टेशन के पीछे से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से लगभग 20 लाख रूपये मूल्य का कंकाल बरामद हुआ।
गिरतार अभियुक्तों में आनन्द कुमार सिंह पुत्र काशी नरेश सिंह निवासी-एस/ए-6/22, आर-11,12 अनमोल नगर कॉलोनी, पुरानी आरटीओ आफिस, थाना सारनाथ, अरविन्द मौर्या उर्फ दिलीप मौर्या पुत्र बनारसी मौर्या निवासी हुकुलगंज पाण्डेयपुर, थाना पांडेयपुर-लालपुर, सुदामा पुत्र स्व. बैजनाथ निवासी ठिकसारी एवं सिपाही पुत्र लक्षनधारी निवासी बल्लीपरवा, थाना चिल्ह, मिर्जापुर, महमूद पुत्र मंजूर निवासी कुरैश नगर, थाना कोतवाली शहर, मिर्जापुर शामिल हैं।
विगत काफी दिनों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में संकटग्रस्त संरक्षित वन्य जीवों की तस्करी करने वाले गैंग के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों/टीमों को अभिसूचना संकलन कर आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। इसपर एसटीएफ वाराणसी टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरों नई दिल्ली के श्रोतों से शुक्रवार सायं सूचना प्राप्त हुई कि थाना सिगरा क्षेत्रान्तर्गत बृन्दा होटल के पास संकटग्रस्त वन्य जीव लकड़बग्घा के कंकाल के साथ तस्कर मौजूद हैं और इसका सौदा करने के लिये आये हैं। उक्त प्राप्त सूचना पर निरीक्षक पुनीत परिहार, निरीक्षक राघवेन्द्र मिश्रा एवं निरीक्षक अरविन्द सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ टीम एवं वन विभाग की टीम द्वारा संयुक्त रूप से चेकिंग कर जनपद वाराणसी के थाना सिगरा क्षेत्रान्तर्गत बृन्दा होटल के पास से 05 तस्करों को गिरफ्तार करते हुये उक्त बरामदगी की गयी।
पूछताछ पर अभियुक्तगण ने बताया कि इनका एक गिरोह है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में दुर्लभ जीव तेदुआं की हड्डियों की तस्करी भारी पैमाने पर होती है, जिसका उपयोग विदेशों में शक्तिवर्धक दवायें बनाये जाने में किया जाता है, जिसके कारण तेदुआं की हड्डियां अवैध रूप से काफी ऊचें दामों पर बेची जाती हैं। इन लोगों ने जनपद मिर्जापुर के जंगलों से वनवासियों के सहयोग से उक्त कंकाल प्राप्त किया था एवं इसे तेंदुआ की हड्डी बताकर बिक्री करने हेतु जनपद वाराणसी में आये थे, कि पुलिस द्वारा इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
उल्लेखनीय है कि लकडबग्घा को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसूची-3 के अन्तर्गत संरक्षित जीव के श्रेणी में रखा गया है तथा अन्तर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आई0यू0सी0एन0) द्वारा इसे संकटग्रस्त जीव की श्रेणी में रखा गया है, जिसका शिकार एवं इसके अंगो का व्यापार निषिद्ध है। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध स्थानीय वन विभाग द्वारा अग्रिम विधिक कार्यवाही की जायेगी।