वाराणसी
BHU : रिटायर्ड प्रोफेसर से 16 लाख से अधिक की ठगी

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के रिटायर्ड प्रोफेसर और अंग्रेजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रामानन्द राय को फर्जी केमिकल ट्रीटमेंट के नाम पर 16,42,540 रुपये की भारी ठगी का शिकार होना पड़ा। भेलूपुर थाना क्षेत्र में दर्ज इस मामले ने शहर में हड़कंप मचा दिया है। डॉ. राय की शिकायत पर भेलूपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रोफेसर रामानन्द राय ने बताया कि 3 दिसम्बर 2024 से उन्होंने अपने मकान के प्रथम तल पर रिनोवेशन कार्य शुरू कराया था। इस दौरान किचेन को मॉड्यूलर किचेन में बदलने से पहले सीलन और दीमक से बचाव के लिए केमिकल ट्रीटमेंट कराने का निर्णय लिया। इसी सिलसिले में उन्होंने विज्ञापन के आधार पर वाराणसी निवासी आशुतोष श्रीवास्तव से संपर्क किया, जो खुद को ‘गौरी वाटर प्रूफिंग’ का प्रोपराइटर बताते हैं।
आशुतोष श्रीवास्तव और उनके सहयोगी अभिषेक गुप्ता ने 20 वर्षों तक सीलन और तीन वर्षों तक दीमक से मुक्ति का भरोसा दिलाया। डॉ. राय के अनुसार, दोनों ने उन्हें 100 रुपये के स्टाम्प पर लिखी एक डीड भी दिखाई, जिसमें फ्री रिपेयरिंग की गारंटी दर्ज थी। केमिकल की कीमत 560 रुपये प्रति लीटर (सीलन) और 950 रुपये प्रति लीटर (दीमक) बताई गई, जो बाद में बाजार मूल्य से करीब 17 गुना ज्यादा निकली।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस्तेमाल किए गए केमिकल के डिब्बों पर कोई ब्रांडिंग नहीं थी। पूछने पर आरोपियों ने दावा किया कि यह “डॉ. फिक्सिट” का केमिकल है जिसमें अमोनिया मिलाया गया है। डॉ. राय का आरोप है कि उन्हें झूठे दावों के माध्यम से किचन, डाइनिंग हॉल और बेडरूम में भी जबरदस्ती ट्रीटमेंट करवा दिया गया।
अभिषेक गुप्ता और अंकित गुप्ता के नाम पर उनसे कुल 17,39,205 रुपये की राशि अलग-अलग चेकों के माध्यम से वसूली गई। जब उन्हें ठगी का शक हुआ तो उन्होंने एक रजिस्टर्ड कंपनी पेस्ट कंट्रोल मैनेजमेंट से बाथरूम का ट्रीटमेंट कराया, जिसने महज 18,480 रुपये में पूरा काम कर दिया। इस तुलना के आधार पर डॉ. राय ने बताया कि उनके साथ 16,42,540 रुपये की अतिरिक्त वसूली हुई।
सबसे दुखद पहलू यह रहा कि लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद उनके नवनिर्मित किचेन में दोबारा दीमक लग गई है। डॉ. राय ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया कि वृद्धावस्था का फायदा उठाकर उनके साथ ठगी की गई। उन्होंने पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में कोई अन्य वरिष्ठ नागरिक इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न हो।
भेलूपुर थानाध्यक्ष सुधीर कुमार त्रिपाठी ने पुष्टि की कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 316(2) और 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।